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One Nation-One Time:देश में लागू होगा 'एक राष्ट्र-एक समय', अब सभी को अपनाना होगा भारतीय मानक समय

सरकार ने आधिकारिक और वाणिज्यिक प्लेटफार्मों पर भारतीय मानक समय (आईएसटी) के विशेष उपयोग को अनिवार्य करने के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य टाइमकीपिंग को मानकीकृत करना है।

One Nation One time
Indian Standard Time- फोटो : Social Media

One Nation-One Time: भारत सरकार ने ‘एक राष्ट्र-एक समय’ की अवधारणा को लागू करने के लिए भारतीय मानक समय (IST) को सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक प्लेटफार्मों पर अनिवार्य बनाने के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है। यह कदम देश में समय के मानकीकरण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे सभी क्षेत्रों में एक समान समय संदर्भ स्थापित किया जा सके।

नियमों का उद्देश्य

इस मसौदे का मुख्य उद्देश्य कानूनी, प्रशासनिक, वाणिज्यिक और आधिकारिक दस्तावेजों में IST को एकमात्र समय संदर्भ के रूप में मान्यता देना है। इसके तहत अन्य किसी भी टाइम स्टैंडर्ड को अपनाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह नियम वाणिज्य, परिवहन, सार्वजनिक प्रशासन, कानूनी अनुबंध और वित्तीय संचालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में IST के उपयोग को अनिवार्य करेगा।

समय की सटीकता और सुरक्षा

समय की सटीकता विशेष रूप से दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा और उभरती तकनीकों जैसे 5G और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में महत्वपूर्ण है। नैनोसेकंड की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत समय प्रसार तंत्र विकसित किया जा रहा है। इस कार्य में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला जैसी संस्थाओं की मदद ली जा रही है।

समय-सिंक्रनाइजेशन प्रणाली

मसौदे में एक समय-सिंक्रनाइजेशन प्रणाली का प्रावधान भी शामिल है, जो साइबर सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में मदद करेगी। यह प्रणाली विभिन्न उपकरणों या सिस्टम्स को एक सामान्य समय संदर्भ साझा करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगी।

अलग-अलग टाइम जोन के खतरे

अलग-अलग टाइम जोन होने पर संभावित खतरों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इससे बड़े रेल और हवाई हादसे हो सकते हैं। इसलिए पूरे देश में एक समान समय प्रणाली लागू करना आवश्यक समझा गया है।

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस मसौदे पर जनता से सुझाव मांग रहा है, जिसका अंतिम तिथि 14 फरवरी निर्धारित की गई है। यह कदम उपभोक्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है ताकि सभी हितधारकों की राय ली जा सके।

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