Road Accident:घने कोहरे में भीषण हादसा, 13 की मौत और 100 से अधिक घायल, 8 गाड़ियां जलीं, यातायात व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
Road Accident: एक बार फिर रफ्तार, लापरवाही और मौसम की बेरहमी का खौफनाक गवाह बना जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई है...
Road Accident: एक बार फिर रफ्तार, लापरवाही और मौसम की बेरहमी का खौफनाक गवाह बना। माइलस्टोन 127 पर घने कोहरे के कारण दृश्यता लगभग शून्य हो चुकी थी। यमुना एक्सप्रेस-वे पर इसी जानलेवा हालात में सुबह करीब 4:30 बजे एक भीषण श्रृंखलाबद्ध सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे एक्सप्रेस-वे को मौत की पटरी में बदल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सबसे पहले एक अर्टिगा कार, स्विफ्ट डिजायर से जा टकराई। टक्कर के बाद दोनों कारों के चालक सड़क पर ही आपस में उलझ गए। इसी दौरान तेज रफ्तार से आई तीसरी ब्रेजा कार भी भिड़ गई और कुछ ही पलों में आग भड़क उठी। अफरातफरी मच गई, लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
हादसा यहीं नहीं थमा। पीछे से आ रहीं सात स्लीपर बसें भी इस जाल में फंस गईं। बसों में करीब 400 यात्री सवार थे। स्लीपर बसों में केवल छोटी आपातकालीन खिड़कियां होने के कारण बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो गया। कई जगह शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। बसों के अंदर रखा सामान और पर्दे आग का ईंधन बन गए, जिससे लपटें तेज़ी से फैल गईं। आगरा से दिल्ली की ओर जाने वाली लेन करीब पांच घंटे तक पूरी तरह ठप रही।
इस भयावह हादसे में 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए। अधिकतर घायलों को सिर, हाथ, पैर और कंधे में गंभीर चोटें आईं। करीब 100 यात्रियों की हड्डियां टूटने की पुष्टि हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में आगरा, मथुरा समेत तीन जिलों की पुलिस और बचाव टीमें जुटीं। सुबह 4:30 से 8:30 बजे तक राहत और बचाव कार्य चला। एक्सप्रेस-वे पर बिखरे सामान को पुलिस ने एकत्र कर यातायात बहाल करने की कोशिश की।
यह हादसा कोई पहली घटना नहीं है। सड़क हादसों के आंकड़े बताते हैं कि 2012 से 2023 के बीच केवल घने कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेस-वे पर 338 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 75 लोगों की मौत और 665 गंभीर रूप से घायल हुए। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और अन्य नेशनल हाईवे के आंकड़े जोड़ें तो तस्वीर और भी डरावनी हो जाती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन के मुताबिक मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 स्पष्ट कहती है कि जब घने कोहरे में दृश्यता शून्य हो, तब सड़क पर आवागमन अस्थायी रूप से रोका जाना चाहिए। सवाल यह है कि जब कानून मौजूद है, तो कोहरे की इस क़यामत में रफ्तार पर ब्रेक क्यों नहीं लगाया गया? यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि यातायात व्यवस्था के लिए एक सख्त चेतावनी है।