Azam Khan: स्टांप चोरी का 'गैंगस्टर कनेक्शन', आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम पर 4.64 करोड़ की आरसी जारी, 5 करोड़ से अधिक होगी वसूली!

Azam Khan: सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम की कानूनी घेराबंदी लगातार जारी है। धोखाधड़ी के एक मामले में हाल ही में जमानत पर रिहा होने के बावजूद, उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वर्ष 2022 में खरीदी गई जमीनों की रजिस्ट्री में स्टांप चोरी का मामला अब उनके लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है, जिसमें उन पर कुल 4.64 करोड़ रुपये की रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी की गई है। कानून के जानकारों का अनुमान है कि यह राशि 5 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जिससे अब्दुल्ला आजम को बड़ा वित्तीय झटका लगने वाला है।
क्या है पूरा मामला?
अब्दुल्ला आजम ने वर्ष 2022 में बेनजीरपुरा घाटमपुर में तीन अलग-अलग भूखंड खरीदे थे। इन सभी सौदों में उन्होंने कृषि भूमि की दर से बैनामा कराया, जबकि एसडीएम सदर की रिपोर्ट में इन भूमियों को आवासीय पाया गया। इसी अनियमितता को स्टांप चोरी के रूप में पकड़ा गया।
पहला मामला (21 फरवरी 2022): 0.9110 हेक्टेयर जमीन के बैनामे में डीएम कोर्ट ने 88,63,500 रुपये की कमी स्टांप, 12,66,250 रुपये निबंधन शुल्क और 1,77,27,000 रुपये अर्थदंड सहित कुल 2,78,56,750 रुपये जमा करने का आदेश दिया था।
दूसरा मामला (04 अप्रैल 2022): 0.304 हेक्टेयर जमीन के बैनामे में डीएम कोर्ट ने 29,57,000 रुपये की कमी स्टांप, 4,22,500 रुपये निबंधन शुल्क और 59,14,000 रुपये अर्थदंड सहित कुल 92,93,500 रुपये जमा करने का आदेश दिया था।
तीसरा मामला (08 अप्रैल 2022): 0.304 हेक्टेयर जमीन के बैनामे में भी डीएम कोर्ट ने 29,57,000 रुपये की कमी स्टांप, 4,22,500 रुपये निबंधन शुल्क और 59,14,000 रुपये अर्थदंड सहित कुल 92,93,500 रुपये जमा करने का आदेश दिया था।
इन तीनों मामलों को मिलाकर कुल 4.64 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी पकड़ी गई, जिसे 30 दिनों के भीतर जमा करने का आदेश अप्रैल माह में दिया गया था। हालांकि, यह धनराशि जमा नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप अब उन्हें आरसी जारी की गई है।
बढ़ेगी 5 करोड़ से अधिक की देनदारी!
आरसी जारी होने के बाद अब्दुल्ला आजम को सिर्फ 4.64 करोड़ रुपये ही नहीं बल्कि इस पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त वसूली शुल्क (प्रशासनिक कर) भी देना होगा। इसके अलावा, बैनामे की तारीख से भुगतान की तारीख तक 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज भी देना होगा। इन अतिरिक्त शुल्कों और ब्याज को मिलाकर, यह माना जा रहा है कि कुल देय राशि 5 करोड़ रुपये से भी अधिक हो जाएगी।
कानूनी विकल्प और आगे की राह:
कानूनविदों का मानना है कि अब्दुल्ला आजम के पास डीएम कोर्ट के इस फैसले और एडीएम द्वारा जारी की गई आरसी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प है। इसके अतिरिक्त, वे परिसीमा अधिनियम के तहत देरी माफी का प्रार्थना पत्र देने के बाद कमिश्नर कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं। फिलहाल, यह देखना होगा कि अब्दुल्ला आजम इस कानूनी शिकंजे से निकलने के लिए कौन सा रास्ता चुनते हैं। लेकिन, एक बात तो तय है कि स्टांप चोरी का यह मामला उनके लिए एक बड़ी कानूनी और वित्तीय चुनौती बनने वाला है।