Aurangabad farmer insurance: गाय का बीमा करवाने पर भी कंपनी नहीं दे रही थी पैसा! थक-हार कर किसान ने 5 सालों तक लड़ा केस, आखिर में हुई जीत, जानें कैसे मिला पूरा पैसा

औरंगाबाद के किसान महेंद्र प्रसाद को पांच साल की कानूनी लड़ाई के बाद उपभोक्ता अदालत के आदेश पर मृत गाय का बीमा क्लेम मिला। जानिए पूरा मामला।

Aurangabad farmer insurance: गाय का बीमा करवाने पर भी कंपनी
Aurangabad farmer insurance- फोटो : freepik

Aurangabad farmer insurance: औरंगाबाद जिले के तेंदुआ पोखर निवासी किसान महेंद्र प्रसाद ने यह साबित कर दिया कि न्याय पाने की लड़ाई में धैर्य, हिम्मत और कानून पर विश्वास ही सबसे बड़ा हथियार होता है। किसान ने लोन लेकर खरीदी गई अपनी गाय का बीमा तो करा लिया, लेकिन जब बीमा राशि की आवश्यकता पड़ी, तब बीमा कंपनी की बेरुखी और उपेक्षा ने उन्हें निराश कर दिया।

महेंद्र प्रसाद ने 45,000 रुपये में शिवगंज बाजार से गाय खरीदी थी। उन्होंने गाय का बीमा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से कराया। हालांकि, बीमा अवधि के दौरान गाय की मृत्यु हो गई। किसान ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बीमा टैग के साथ कंपनी को सूचित किया। लेकिन  कंपनी ने पहले सूचना को नज़रअंदाज़ किया। फिर वकालतन नोटिस भेजा गया, लेकिन उसकी भी उपेक्षा की गई।

5 साल बाद मिला न्याय

थक-हारकर महेंद्र प्रसाद ने वर्ष 2020 में जिला उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया (वाद संख्या-07/20)। सुनवाई के दौरान अदालत में उनके अधिवक्ता जगनारायण सिंह और सतीश कुमार स्नेही ने मजबूत पैरवी की।छह माह पूर्व उपभोक्ता अदालत ने किसान के पक्ष में फैसला सुनाया।अदालत के अध्यक्ष संजय सिंह और सदस्य बद्रीनारायण सिंह ने बीमा कंपनी को ₹83,833 का भुगतान करने का आदेश दिया।5 साल की लंबी प्रक्रिया के बाद आखिर में क्लेम राशि का चेक पीड़ित किसान को सौंपा गया।

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बीमा और किसानों के बीच की खाई

यह मामला न केवल बीमा कंपनियों की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बीमा का लाभ कागजों तक ही सीमित न हो।एक साधारण किसान को भी अपने अधिकारों के लिए वर्षों तक लड़ना पड़ सकता है। उपभोक्ता अदालतें किसानों को वास्तविक न्याय दिलाने का माध्यम बन सकती हैं।