Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव से पहले राजद को लगा बड़ा झटका, पूर्व विधायक ने पार्टी का छोड़ा दामन, भाजपा में हुए शामिल
AURANGABAD : बिहार के औरंगाबाद जिले की राजनीति में उस वक्त एक बड़ा सियासी भूचाल आ गया, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कद्दावर नेता, पूर्व विधायक और राजद पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश मेहता ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। यह घटना औरंगाबाद सदर विधानसभा सीट के चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है। माना जा रहा है कि मेहता के इस कदम से एक खास समुदाय के मतदाताओं में भारी उलटफेर होने की संभावना है, जो महागठबंधन (राजद-कांग्रेस गठबंधन) के प्रत्याशी के लिए बड़ी संकट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
अपमान से आहत होकर लिया फैसला
प्रेस वार्ता के दौरान सुरेश मेहता ने अपने दल-बदल के फैसले के पीछे की वजह को खुलकर बताया। उन्होंने कहा कि वह "अपनों से भटक गए थे," लेकिन उनके गुरु शकुनि चौधरी ने उन्हें लगातार प्रेरित किया। मेहता ने यह भी खुलासा किया कि उप-मुख्यमंत्री द्वारा भी उन्हें कई बार साथ आने की बात कही गई थी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "जहां मान-सम्मान नहीं मिलता है, जहां उपेक्षित किया जाता हो, वहां रहना उचित नहीं होता है।" मेहता ने दावा किया कि उन्होंने लगातार राजद के समर्थन में काम किया, लेकिन उन्हें अपमानित ही किया गया।
"पांडव के रथ पर सवार होकर चुनावी कुरुक्षेत्र में उतरा"
अपमान से तंग आकर, सुरेश मेहता ने राजद के सभी पदों से खुद को मुक्त कर लिया और पटना जाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अपने इस कदम को उन्होंने महाभारत के कुरुक्षेत्र से जोड़ते हुए कहा, "आज से मैं पांडव के रथ पर सवार होकर चुनावी कुरुक्षेत्र में उतर गया हूँ और इसका नतीजा आने वाला वक्त बताएगा।" यह बयान दर्शाता है कि वह अब पूरी आक्रामकता के साथ चुनावी रण में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे और राजद को चुनौती देंगे।
छह सीटों पर जीत दिलाने का दावा
भाजपा में शामिल होने के बाद सुरेश मेहता ने अपनी पिछली सफलताओं का उल्लेख करते हुए अपनी राजनीतिक क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि जब वह राजद के जिलाध्यक्ष थे, तब औरंगाबाद जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को जीत दिलाई थी। अब पाला बदलने के बाद उन्होंने घोषणा की है कि वह औरंगाबाद सदर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिविक्रम नारायण के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मरते दम तक खड़े रहेंगे और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
सदर विधानसभा सीट पर गहरा असर
सुरेश मेहता जैसे कद्दावर और अनुभवी नेता का राजद छोड़कर भाजपा में शामिल होना औरंगाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन की चुनावी रणनीति पर गहरा असर डालेगा। उनका यह दल-बदल उस समुदाय के वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है, जिस पर महागठबंधन अपनी जीत के लिए काफी हद तक निर्भर करता है। मेहता के भाजपा में शामिल होने से जहां एक ओर भाजपा को मजबूती मिली है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के प्रत्याशी के लिए यह एक बड़ा झटका है, जिससे चुनावी समीकरण तेजी से बदल गए हैं।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट