AURANGABAD : होली मिलन तथा वैवाहिक वर्षगांठ के नाम पर भाजपा के कई जिला स्तरीय नेता हुजूम जुटाने में लगे हुये है। ताकि इस हुजूम को माध्यम बना कर भाजपा के शीर्ष नेताओं तक यह सूचना पहुँचाया जा सके कि औरंगाबाद बिधानसभा क्षेत्र में किसकी कितनी लोकप्रियता है। यह दिखाकर 2025 में होने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में जनमत के आधार पर भाजपा का चुनावी टिकट अपने नाम कर सके। लेकिन हकीकत कुछ और ही बया कर रही है।
हम बात कर रहे भाजपा के पूर्व एमएलसी राजन कुमार सिंह का जो 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट से भाजपा के टिकट के दावेदारी हेतु पार्टी को अपनी जनमत दिखाने की नीयत से उन्होंने अपनी शादी की 25 वाँ वर्षगांठ के नाम पर जिला तथा अन्य जिला के लोगो को भी आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने कई भोजपुरी सितारों को भी आमंत्रित किया था। जिसके नाम पर भीड़ जुटाया जा सके और हुआ भी वही। अक्षरा सिंह, गोलू राजा, अनुपमा यादव, बिनय बिहारी तथा अन्य कई जाने माने कलाकारों को उन्होंने भारी रकम चुकाकर बुलाया था। जिसके नाम पर जिला तथा अन्य जिला से काफी संख्या में लोग उपस्थित भी हुये थे। इस भीड़ को दिखाकर औरंगाबाद विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट कन्फर्म करना चाहते है, ताकि भाजपा के शीर्ष नेता लोगों के बीच हमारी लोकप्रियता को देख सके और औरंगाबाद सीट से हमे उम्मीदवार बनने का अवसर प्रदान कर सके।
वही रेडक्रॉस संस्था के चेयरमैन और पूर्व में रहे नगरपालिका के उप चयरमैन सतीश कुमार सिंह ने भी विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच अपनी जगह बनाने की नीयत से उन्होंने भी ग्राम कथरूआ में होली मिलन समारोह के नाम पर अपनी जनसमर्थन दिखाने का कोशिश किया है ताकि 2025 के चुनाव में इसके आधार पर पार्टी में अपनी जगह बनाया जा सके। जिसको लेकर इन्होंने जिला के सभी क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया और कई भोजपुरी कलाकार को भी बुलाया। जिसके नाम पर काफी भीड़ जुट सके और हुआ भी वही। जिला के तमाम इलाके से लोग कलाकारों को देखने हेतु वहाँ पहुँचे। भीड़ को तस्वीर में कैद कर शीर्ष नेताओं तक पहुचने का प्रयास किया गया है ताकी औरंगाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा से टिकट लिया जा सके। अब यह देखना लाजमी होगा कि क्या पार्टी लुभावने भीड़ को देख कर टिकट वितरण करती है या फिर व्यक्तित्व की पहचान कर अपनी उमीदवार बनाती है। यह तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट