Bihar News: बिहारी इंजीनियर ईरान में लापता, परिजनों ने बेटे की वापसी खातिर PM मोदी से लगाई गुहार
Bihar News: बिहार के बेगूसराय का निवासी पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर सैयद सैफुल्लाह 12 जून को तेहरान पहुंचा था, 17 जून के बाद से परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है.परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.

N4N डेस्क: इजराइल और ईरान में चल रही जंग के बीच भारत की सरकार ने हाल ही में ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की है, जिसके तहत ईरान में फंसे भारतीयों मुख्यतः छात्रों, प्रोफेशनल्स और श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने का काम चल रहा है. विदेश मंत्रालय के अनुसार ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से अब तक 827 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है. इसी बिच बिहारके बेगूसराय का एक युवक ईरान में लापता हो गया है. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर सैयद सैफुल्लाह 12 जून को तेहरान पहुंचा था. 17 जून से उसका फोन बंद है। परिवार से भी संपर्क कट गया है. परिजनों ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह उनके बेटे को सुरक्षित वतन वापिस लाए.
मैकेनिकल इंजीनियर लापता
मिली जनकारी के अनुसार बेगूसराय जिले के बलिया थाना क्षेत्र के बड़ी बलिया गांव निवासी और पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर सैयद सैफुल्लाह ईरान में नौकरी कर रहे थे, 17 जून के बाद से लापता हैं. उनके मोबाइल और वॉट्सऐप दोनों बंद हैं और परिजनों का कहना है कि अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है.मैकेनिकल इंजीनियर सैयद सैफुल्लाह 12 जून को तेहरान पहुचे थे. 13 जून को जब इजरायल-ईरान के बीच जंग तेज हुई तो सैफुल्लाह ने परिवार को फोन किया. उसने कहा कि हम लोग बंकर में छिपकर रह रहे हैं, यहां कि स्थिति काफी खराब है. सैफुल्लाह के छोटे भाई ने कहा कि 17 जून को हमारी बात हुई थी. इसके बाद उसने भाभी से बात की. उसके बाद मोबाइल बंद हो गया है, वॉट्सऐप भी लास्ट सीन 17 जून रात को बता रहा है.
परिजनों ने PM से लगाई गुहार
सैफुल्लाह से संपर्क टूटने के बाद परिजनों ने बेगूसराय के DM , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और ईरान स्थित भारतीय दूतावास को आवेदन भेज कर गुहार लगाई है. परिजनों ने कहा कि सैफुल्लाह पेट्रोसाज जनरल कांट्रैक्टर कंपनी के तहत मैकेनिकल इंजीनियरिंग का काम करता है। वह विदेशों में भी जाकर शटडाउन हो चुके प्लांट को ठीक करके चालू करता था. परिजनों ने कहा कि इसी सिलसिले में सैफुल्लाह 10 दिन पहले 20 मार्च को साऊदी अरब भी गया था. काम खत्म होने के बाद 12 जून को वह ईरान के अराक आ गया. अब उसका कोई अता-पता नहीं है. उसके भाई ने कहा कि कंपनी ने सैफुल्लाह के साथ करीब 40 अन्य लोगों को भी ईरान भेजा गया था. सैफुल्लाह के छोटे भाई असदुल्लाह आज़ाद ने बताया कि ‘उसने बताया कि अगर एक दिन पहले ये हालात पता होते, तो हम ईरान आते ही नहीं.