Bihar News:सवालों के घेरे में बेगूसराय में कानून-व्यवस्था , पुलिस कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल, सियासत हुई तेज

Bihar News:बेगूसराय जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर पुलिस की भूमिका एक बार फिर कटघरे में है। हाल के दिनों में जिस तरह आम नागरिक झूठे मुकदमों, धमकियों, यहां तक कि मौत का शिकार हो रहे हैं....

Law and order in Begusarai is under question
बेगूसराय में क़ानून-व्यवस्था की लचरता- फोटो : reporter

Bihar News:हाल के दिनों में बेगूसराय पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर गहन चर्चा और विवादों के केंद्र में आ गई है. आलम यह है कि आम जनता को या तो झूठे मुकदमों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, या फिर उन्हें अपनी जान गँवाकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. पुलिस बेशक इन मामलों में कड़ी कार्रवाई के दावें कर रही है, परंतु उनके ही कुछ कर्मियों द्वारा इन दावों की पोल खोली जा रही है, और अब यह मुद्दा सियासी गलियारों में भी गरमा गया है.

पुलिस की कार्यशैली पर उठे प्रश्नचिह्न

बेगूसराय में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों ने जहाँ पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है, वहीं कई घटनाओं में पुलिस स्वयं सवालों के घेरे में आ गई है. यद्यपि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ गुनहगारों को सलाखों के पीछे भी भेजा है, फिर भी क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर पुलिस बैकफुट पर नज़र आ रही है. यही कारण है कि आम जनता ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पुलिस पर हमलावर हो रहे हैं.

पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, फिर भाजपा नेता अमित देव, और अब सीपीआई विधायक सूर्यकांत पासवान ने बेगूसराय पुलिस की लापरवाहीपूर्ण कार्यशैली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका मानना है कि बेगूसराय में क़ानून-व्यवस्था की शिथिलता का मुख्य कारण पुलिस का अपराधियों के साथ साँठ-गाँठ और संरक्षण है, जिसके परिणामस्वरूप अपराधी बेखौफ होकर किसी भी घटना को अंजाम दे रहे हैं.

हालिया आपराधिक घटनाएँ और पुलिस की भूमिका

इस संरक्षण का ही परिणाम है कि हाल ही में बेगूसराय के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में अपराधियों ने हम पार्टी के एक नेता का अपहरण कर हत्या कर दी. दूसरी ओर, छौड़ाही थाना क्षेत्र में अपराधियों ने एक प्राइवेट शिक्षक की निर्मम तरीके से गला रेत कर हत्या कर दी, और विडंबना यह है कि पुलिस शव उठाने के लिए अमीन से स्पॉट की घंटों तक नापी कराती रही.

वहीं, तीसरी तरफ बेगूसराय के बखरी थाना क्षेत्र में शराब कारोबारियों द्वारा स्थानीय भाजपा नेता अमित देव की जान से मारने की साजिश रचने की बात एक ऑडियो क्लिप के जरिए वायरल हो रही है. इस मामले में भाजपा नेता अमित देव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बखरी डीएसपी द्वारा शराब कारोबारियों से मिलीभगत के कारण अपराधी उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सभी सबूत होने के बावजूद अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय, डीएसपी कुंदन ने अपनी और शराब कारोबारियों की जान बचाने के लिए बखरी थाना के टाइगर पुलिस कर्मियों को ही झूठे आरोप में जेल भेज दिया, जो कि गहन जाँच का विषय है.

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आरोपों की गंभीरता

इस मामले में स्थानीय सीपीआई विधायक सूर्यकांत पासवान ने भी बखरी डीएसपी पर ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं, विधायक ने बिहार के डीजीपी से मिलकर ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है. इस मामले में एक आश्चर्यजनक मोड़ तब आया, जब विधायक सूर्यकांत पासवान ने कहा कि शराब कारोबारियों द्वारा उनकी छवि धूमिल करने के लिए एआई टेक्नोलॉजी के तहत एक लड़की के साथ उनकी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की गई है. इस संबंध में उन्होंने एससी-एसटी थाना और स्थानीय डीआईजी आशीष भारती से निष्पक्ष जाँच उपरांत सख्त कार्रवाई की मांग की है.

दूसरी ओर, इस मामले में गिरफ्तार टाइगर पुलिसकर्मियों ने भी बखरी डीएसपी की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डीएसपी ने अपनी और शराब कारोबारियों की जान बचाने के लिए उन बेगुनाहों को जबरन झूठे मुकदमों में फँसा दिया, जिसके कारण उन्हें जेल जाना पड़ा.

आपको याद दिला दें, इससे पहले बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बेगूसराय पुलिस की लचर व्यवस्था को लेकर न केवल बड़ा सवाल खड़ा किया था, बल्कि पुलिसकर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि वे जानबूझकर इस तरह की कार्यशैली अपना रहे हैं, जिससे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि खराब हो सके.

बहरहाल, बेगूसराय में पुलिसिंग व्यवस्था गहन सवालों के घेरे में है. अब पुलिस मुख्यालय को अपराधियों के साथ-साथ अपने कनीय अधिकारियों पर भी सख्त नकेल कसने की आवश्यकता है. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस प्रशासन इस बिगड़ती स्थिति को सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है.

रिपोर्ट- अजय शास्त्री