Tiger attack: आदमख़ोर बाघ का कहर , खेत में काम कर रहे किसान को नोच डाला, वनकर्मी भी घायल,गाँव में सन्नाटा, लोग घरों में क़ैद
Tiger attack: बाघ ने बिजली की रफ़्तार से छलांग लगाई, और पलक झपकते ही उन्हें अपने नुकीले पंजों में दबोच लिया। ग्रामीणों के शोर मचाने के बावजूद वह किसान को घसीटता हुआ पास की झाड़ियों में ले गया...

Tiger attack: बगहा की धरती पर इन दिनों खौफ़ का साया गहराता जा रहा है। गोवर्धना इलाक़े के एक हरे-भरे खेत में सुबह की हलचल के बीच एक दर्दनाक हादसा हुआ किसान मथुरा महतो, जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए खेत में हल चला रहे थे, अचानक जंगल के शेरदिल शिकारी का शिकार बन गए। बाघ ने बिजली की रफ़्तार से छलांग लगाई, और पलक झपकते ही उन्हें अपने नुकीले पंजों में दबोच लिया। ग्रामीणों के शोर मचाने के बावजूद वह किसान को घसीटता हुआ पास की झाड़ियों में ले गया। कुछ ही दूरी पर मिला मथुरा महतो का निर्जीव शरीर, जिस पर गहरे पंजों के निशान और दहशत की कहानी साफ़ पढ़ी जा सकती थी।
घटना की सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची, लेकिन यहां भी बाघ ने अपनी ख़ूँख़ार मौजूदगी का एहसास दिला दिया। झाड़ियों में दबे वनकर्मी पर अचानक हमला बोलकर उसे ज़ख़्मी कर डाला। घायल को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इस दोहरे हमले ने ग्रामीणों के दिलों में डर की जड़ें और गहरी कर दी हैं।
इलाके में अब सन्नाटा पसरा है खेत खाली, चूल्हे ठंडे, और गलियां वीरान। लोग दरवाज़े-खिड़कियाँ बंद करके घरों में दुबके हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पिछले दिनों बाघ की हरकत देखी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अब, जब टाइगर किसान के शरीर का हिस्सा खा चुका है, तो उसके आदमख़ोर बनने की आशंका ने भय को और बढ़ा दिया है।
वन विभाग ने पूरे क्षेत्र में गश्त तेज़ कर दी है। पिंजरे लगाए जा रहे हैं, ड्रोन और ट्रैकिंग टीमों को तैनात किया गया है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे अकेले खेतों या जंगल की तरफ न जाएं, और यदि बाघ दिखाई दे तो फ़ौरन सूचना दें। माना जा रहा है कि यह बाघ वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) से भटककर आबादी वाले इलाक़े में आ गया है।
ग्रामीणों की आँखों में अब नींद नहीं, केवल डर का सैलाब है। खेतों में सुनहरी फसलें लहलहा रही हैं, लेकिन उन्हें काटने वाले हाथ डर से जकड़े हुए हैं। बगहा की हवा में आज सिर्फ़ एक ही सवाल तैर रहा है—क्या यह आदमख़ोर पकड़ा जाएगा, या गाँव की पगडंडियों पर उसके पंजों की धमक और लहू की गंध और भी गहरी होगी?
रिपोर्ट- आशीष कुमार