Bhagalpur Animal smugglers: भागलपुर में पशु तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़! गुड्डुआ पासर की गिरफ्तारी से खुला महाजाल
Bhagalpur Animal smugglers: भागलपुर में पशु तस्कर गुड्डुआ पासर की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने बड़े तस्करी सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। जानिए कैसे जाली दस्तावेज, पुलिस वर्दी और मासिक नजराना से चल रहा था यह संगठित अपराध।

Bhagalpur Animal smugglers: पशु तस्करों के खिलाफ भागलपुर पुलिस ने एक माह के अंदर दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गुरुवार की देर रात गुप्त सूचना पर एसपी सिटी की मोनेटरिंग में गठित टीम ने लोदीपुर थानाक्षेत्र के टोल प्लाजा के समीप चाय दुकान से मोजाहिदपुर थानाक्षेत्र, हुसैनपुर निवासी मरहूम मो. अब्दुल जब्बार के तस्कर सरगना पुत्र मो. शाहजहां उर्फ साजन उर्फ गुड्डुआ पासर के साथ उसके सहयोगी, बायपास थानाक्षेत्र के ख़िरीबान्ध निवासी मो. सईद मिस्त्री के 35 वर्षीय पुत्र मो. हैदर, मो. एहतेशाम के 32 वर्षीय पुत्र इंजमामउल हक उर्फ निकिया, हुसैनपुर निवासी मो. कय्याम के पुत्र मो. डब्लू व एक अन्य समेत बिहार-झारखंड व बंगाल के कुल 14 लोगों को रंगेहाथ अपनी गिरफ्त में लिया है।
इस दौरान पुलिस ने मौके पर से एक ब्लू रंग की दिल्ली नम्बर आल्टो कार सहित लगभग सौ मवेशियों से भरे दो ट्रकों को भी जब्त किया है। गिरफ्तार तस्कर गुड्डुआ का आपराधिक इतिहास भी है, जिस पर बीते वर्ष 28 जनवरी को नवगछिया के रंगरा थाना में पशु व्यापारियों से ही मारपीट कर 35 हज़ार रुपये लूटने का एक मामला भी दर्ज है, जिसका कांड संख्या - 37/24 बताया जा रहा है। गुड्डुआ पासर लंबे समय से तस्करी के कार्यों से जुड़ा हुआ था और झारखंड से बिहार व बंगाल तक तस्करी के सिंडिकेट का सरगना भी बताया जा रहा है।
गुड्डुआ ने धंधे को मजबूत करने के लिए कई हथकंडे अपनाए
2018 से तस्करी के धंधे में कदम रखने वाला सातवीं पास गुड्डुआ ने अपने इस धंधे को मजबूत करने के लिए कई हथकंडों का भी इस्तेमाल किया। उसने पशु क्रूरता निवारण संस्था (एसपीसीए, पटना) से जुड़ने के लिए स्नातक तक की फर्जी डिग्री तैयार किया और पशुओं पर होने वाली क्रूरता के खिलाफ मुहिम चलाने का हवाला दे संस्था को रुपये देकर खुद के लिए अवर निरीक्षक का पद भी अख्तियार कर लिया। यही नहीं उसने अपनी सुरक्षा व कार्य में सहयोग के लिए इशाकचक थानाक्षेत्र के भीखनपुर निवासी मो.फैसल असरफी को बतौर सहायक अवर निरीक्षक भी बनाया और तत्कालीन एसएसपी आनन्द कुमार से जिला में योगदान हेतु वायरलेस के साथ कार्य में सहयोग के लिए अतिरिक्त बल भी मांग लिया।
सातवीं फेल अवर निरीक्षक की चिट्ठी देख एसएसपी आनंद कुमार ने भी दोनों तथाकथित अधिकारियों को पशुओं की गाड़ी जांच करने की अनुज्ञप्ति मांगी और सख्ती भरे लहजे में चेतावनी दे चलता कर दिया था। फिर भी अपनी हरकतों से बाज न आते हुए इन्होंने अपना नेटवर्क तैयार किया और लोदीपुर थानाक्षेत्र में ही बायपास के समीप अपने एक मित्र के नाम से चम्पारण होटल खड़ा कर लिया, जहां देर रात बैठकी कर अपने सहयोगी मित्रों के साथ पुलिस की वर्दी में खुलेआम मवेशी व्यापारियों से गुंडागर्दी कर अवैध वसूली करने लगा। जिसकी शिकायत भी लगातार वरीय अधिकारियों को मिल रही थी। अंततः पुलिस की पकड़ से दूर गुड्डुआ को एसपी सिटी शुभांक मिश्रा ने नाटकीय ढंग से बीती रात ही उसके अन्य सहयोगियों के साथ दबोच लिया।
गुड्डुआ को पकड़ना आसान नहीं था
सूत्रों की माने तो गुड्डुआ को पकड़ना आसान नहीं था। लेकिन बीती रात वह अपने सहयोगियों के साथ मोबाइल पर लूडो के खेल में मशगूल होने के कारण ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार सरगना गुड्डुआ ने इस काले कारोबार से असीम सम्पत्ति भी अर्जित की है, जो बिहार से लेकर बंगाल तक दिखती है। अगर बात करें प्रति दिन बायपास से होकर गुजरने वाली पशुओं से भरी छोटी-बड़ी वाहनों की तो सप्ताह भर में इस होकर गुजरने वाली छोटी और बड़ी वाहनों की संख्या 40 से 50 है, जो पूरे माह 200 से 250 तक भी जाती है। जिसमें पासर द्वारा बड़ी कन्टेनर से 10 हज़ार रुपये व छोटी वाहनों से 5 हज़ार रुपये की अवैध वसूली की जाती है।सारा खर्च काटकर भी तस्करों के लिए मासिक आय 10 से 15 लाख रुपये तक है, जिसकी पकड़ बांका जिला के धौरैया से चलकर रजौन थाना व भागलपुर के जगदीशपुर से शुरू हो कटिहार के कुरसेला तक है।
35 से 40 हज़ार रुपये नजराना
इस बीच मार्ग में पड़ने वाले दर्जन भर थानों को भी बतौर मासिक 35 से 40 हज़ार रुपये नजराना चढ़ाया जाता है ताकि पशु व्यापारियों को राह में कोई असुविधा न हो और वे बिना किसी परेशानी के बंगाल की फैक्टरियों तक बेजुबानों को ले जा सकें। बात करें गुड्डुआ की बेनामी सम्पति की तो बंगाल में उसने कोलकाता के साइंस सिटी, बसंतपुर में लाखों रुपये का फ्लैट लिया है। वहीं बात जिला की हो तो भागलपुर में कोतवाली थानाक्षेत्र, के शाह मार्केट में कई बड़ी दुकानें व इशाकचक थानाक्षेत्र स्थित v2 मॉल के सामने तीन पार्टनर के सहयोग से महंगे रेस्टोरेंट खोल रखा है। वहीं पत्नी के नाम से बेशकीमती कार तो छोटे भाई के नाम से 14 चक्का का ट्रक भी सड़कों पर खड़ा कर दिया है।
इसके अलावा भी कई जगहों पर उसने बेशकीमती भूखण्डों में अपने रुपये लगा रखा है, जिसका सारा ट्रांजेक्शन वह अपने ससुर और पत्नी के मोबाइल पर करता है। जिसकी जांच के लिए बीते 30 मई को आर्थिक अपराध इकाई पटना के पुलिस अधीक्षक को गुप्त रूप से एक पत्र भी भेजा गया है, जिसमें परिवादी ने स्पष्ट तौर पर मो. शाहजहां पर पुलिस की मिलीभगत से बायपास में चलने वाले पशु व्यापारियों से प्रति गाड़ी 5000 रुपये लेने का आरोप भी लगाया है। जिसकी जांच के लिए अधीक्षक अपराध इकाई ने भागलपुर एसएसपी को उक्त पत्र भी भेजा है। वहीं ख़िरीबान्ध निवासी तस्कर हैदर के खिलाफ भी एक अन्य मामला जिले के ही हबीबपुर थाना में दर्ज है, जिसमें उसे न्यायिक हिरासत में जेल भी भेजा गया था।
लगातार पशुओं की तस्करी के खिलाफ पुलिस अभियान
गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ शुक्रवार को लोदीपुर थाना में मामला रजिस्टर्ड किया गया है, जिसे पुलिस गहन पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि लगातार पशुओं की तस्करी के खिलाफ भागलपुर पुलिस अभियान चला रही है। बोते 3 जुलाई को भी एसपी सिटी शुभांक ने तस्करी की सूचना पर देर रात कार्रवाई करते हुए दो थानों के बीच तीन ट्रकों से 241 बेजुबानों को मुक्त कराया था। और तीन तस्करों की गिरफ्तारी कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस दौरान कई बेजुबान जानवरों ने दम भी तोड़ दिया था। बीते वर्ष भी कुल 22 बेजुबान लोदीपुर थानाक्षेत्र में इन्हीं तस्करों की भेंट चढ़ गए, जिन्हें थानाक्षेत्र में ही जेसीबी की मदद से दफन कर केस दर्ज किया गया था।
गुड्डुआ की तस्वीर लिए पिछली कार्रवाई
बड़ा सवाल है कि जब जिले में इतनी बड़ी-बड़ी कार्रवाई हो रही है और मामले भी रजिस्टर्ड किया जा रहा तो फिर तस्करों में पुलिस का ख़ौफ़ क्यों नहीं ? आखिर जिस तस्कर गुड्डुआ की तस्वीर लिए पिछली कार्रवाई के दौरान एसपी खुद सड़कों पर उतर आए थे। आज उस कार्रवाई के महीने भी पूरे नहीं हुए और वही तस्कर पुनः तस्करी के लिए बेखौफ सड़कों पर उतर आया। यह साहस है या दुस्साहस ? आखिर जिस थानाक्षेत्र में गुप्त सूचना पर देर रात एसपी को खुद से कार्रवाई करनी पड़ी, वहां के थानेदार और गश्तीदलों की भूमिका क्या दर्शाती है ? बहरहाल बात जो भी हो यहां यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि बेख़ौफ़ सरगना गुड्डुआ को पुलिस का भी संरक्षण व समर्थन प्राप्त है, जिसके बुते वह बांका से भागलपुर और नवगछिया से बंगाल तक के सड़कों पर तस्करी का महाजाल बिछाए हुए है, जिसके नेटवर्क को ध्वस्त करना भी पुलिस के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है।
भागलपुर से balmukund kumar की रिपोर्ट