Bihar News: भागलपुर से 177 किमी रेल लाइन दोहरीकरण पर 3169 करोड़ हो रहा खर्च, बिहार के इन इलाकों में रेल सफर होगा तेज
Bihar News: भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल दोहरीकरण से पूर्वी बिहार की तस्वीर बदलेगी जाएगी। 177 किमी ट्रैक को 3169 करोड़ की लागत से डबल किया जाएगा। इससे कई जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

पूर्वी भारत की एक अहम रेल परियोजना भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल दोहरीकरण अब तेजी पकड़ चुकी है। 177 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के दोहरीकरण में 3169 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे काम की रफ्तार और बढ़ने की उम्मीद है। यह रेल लाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल — तीनों राज्यों को जोड़ने वाली एक रणनीतिक परियोजना मानी जा रही है।
कोलकाता से दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी होगी मजबूत
वर्तमान में ज्यादातर ट्रेनें भागलपुर से मालदा टाउन और रामपुरहाट होते हुए हावड़ा जाती हैं। दोहरीकरण के बाद कई ट्रेनें दुमका होते हुए रामपुरहाट होकर चलेंगी। इससे देवघर तीर्थस्थल समेत कई धार्मिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी। परियोजना पूरी होने के बाद यह रेल लाइन दक्षिण बिहार को कोलकाता से सीधी और तेज कनेक्टिविटी देगी जो व्यापार, पर्यटन और उद्योग के लिहाज से बड़ी राहत होगी।
गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत परियोजना
प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत यह दोहरीकरण किया जा रहा है। अभी सिंगल ट्रैक पर ट्रेनें चलती हैं, जिससे ट्रैफिक दबाव बढ़ते ही घंटों की देरी हो जाती है। डबल लाइन बनने से ट्रेनों की संख्या और गति दोनों बढ़ेंगी। हर साल करीब 15 मिलियन टन अतिरिक्त माल कोयला, सीमेंट, खाद, पत्थर आदि इसी मार्ग से ढोया जा सकेगा।
इन जिलों को होगा सीधा फायदा
इस रेल परियोजना से भागलपुर और बांका (बिहार), गोड्डा और दुमका (झारखंड) और बीरभूम (पश्चिम बंगाल) जिले सीधे लाभान्वित होंगे। साथ ही देवघर और तारापीठ जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचना भी काफी आसान हो जाएगा। रेल डबलिंग से जहां यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, वहीं रोजगार और व्यापारिक अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी। मालगाड़ियों की संख्या बढ़ने से कारोबार में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर नए निवेश की संभावना बनेगी।
रेल के साथ सड़क परियोजना भी
भागलपुर-हंसडीहा सड़क के फोरलेन निर्माण और जगदीशपुर में न्यू भागलपुर स्टेशन के विकास की तैयारी चल रही है। रेल और सड़क दोनों परियोजनाएं मिलकर पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगी। अगर ये परियोजनाएं तय समय पर पूरी हो गईं, तो भागलपुर और आसपास के इलाकों का विकास मॉडल राज्य के लिए मिसाल बन सकता है।