पकड़ौआ' स्टाइल शादी: नाबालिग से मिलने पहुंचा था प्रेमी, भीड़ ने रात में ही करा दी विदा, पुलिस को नहीं हुई खबर
भागलपुर के कहलगांव में भीड़तंत्र द्वारा कानून को हाथ में लेने का एक मामला सामने आया है। यहाँ प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और नाबालिग लड़की के साथ उसकी जबरन शादी करा दी। पूरी रात चले इस हाई-वोल्टेज ड्रामे की भनक पुलिस को
Bhagalpur - भागलपुर जिले के कहलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवनारायणपुर ओपी के ज्योतिपुर गांव में कानून को ताक पर रखकर एक नाबालिग लड़की की शादी कराने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचे प्रेमी को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और रातों-रात पास के ही एक शिव मंदिर में दोनों का विवाह संपन्न करा दिया। हैरानी की बात यह रही कि इस पूरी घटना के दौरान स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
जानकारी के मुताबिक, 19 वर्षीय प्रेमी राजीव कुमार और 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी (काल्पनिक नाम पूजा) के बीच पिछले पांच महीने से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों का घर महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे वे एक-दूसरे को पहले से जानते थे। किशोरी अक्सर शिव मंदिर में होने वाली 'शिव चर्चा' में शामिल होने के बहाने घर से निकलती थी, जहाँ उसकी मुलाकात प्रेमी राजीव से होती थी।
बीती रात भी किशोरी अपनी मां से शिव चर्चा में जाने की बात कहकर घर से निकली थी। उसने फोन कर राजीव को भी मंदिर परिसर में बुला लिया। दोनों वहां बातचीत कर ही रहे थे कि ग्रामीणों की नजर उन पर पड़ गई। इसके बाद ग्रामीणों ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया और मंदिर के ही एक कमरे में बंद कर दिया। देखते ही देखते वहां भारी भीड़ जमा हो गई।
घटना की सूचना मिलने पर लड़के के परिजनों को भी मौके पर बुलाया गया। शुरुआत में लड़के वाले शादी के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे और उन्होंने इनकार कर दिया। लेकिन मौके पर मौजूद ग्रामीणों और गांव के कथित 'बुद्धिजीवियों' ने उन पर भारी दबाव बनाया। सामाजिक दबाव और भीड़ के आगे लड़के के परिजनों को झुकना पड़ा और वे शादी के लिए राजी हो गए।
रजामंदी मिलते ही उसी रात मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ दोनों की शादी करा दी गई। इस दौरान प्रेमी राजीव ने स्वीकार किया कि वे पांच महीने से रिश्ते में हैं। वहीं, नाबालिग दुल्हन ने कहा कि अब वे हमेशा के लिए एक हो गए हैं और "इन्हीं के साथ जीना है और इन्हीं के साथ मरना है।" शादी संपन्न होने के बाद ग्रामीणों ने मामले को रफा-दफा करने के लिए दोनों को लड़के के घर भेज दिया।
यह मामला कानून व्यवस्था और सामाजिक जागरूकता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। नाबालिग की शादी करना कानूनन अपराध है, इसके बावजूद ग्रामीणों ने कानून का उल्लंघन करते हुए यह विवाह कराया। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई? अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर बाल विवाह अधिनियम के तहत कोई कार्रवाई करती है या नहीं।
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप