Bihar Crime: ठगी के शातिर बादशाह को पुलिस ने दबोचा, फर्जी नेटवर्क और डिजिटल जालसाज़ी का काला खेल बेनकाब
BHAGALPUR : भागलपुर साइबर थाना की फिज़ाओं में इन दिनों एक ही नाम गूँज रहा है अलीयान हसन, वह साइबर-गिरगिट, जिसकी ठगी की चालें इतनी महीन, इतनी ख़ामोश थीं कि आम आदमी उसकी बातों में उलझकर खुद ही अपने बैंक खातों का क़त्लनामा लिख देता था। वादी अरविंद कुमार मंडल के लिखित आवेदन से शुरू हुआ यह मामला धीरे-धीरे एक ऐसे साइबर शिकारी की परतें खोलने लगा, जिसकी पहुँच लोकल से लेकर इंटरनेशनल ठगी नेटवर्क तक फैली बताई जा रही है।
अरविंद ने बताया कि उनसे 3 लाख रुपये ठग लिए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी के आदेश पर पुलिस अधीक्षक नगर, डीएसपी साइबर व थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इंटरसेप्टेड डेटा, तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल सुरागों के आधार पर पीछा किया गया और आखिरकार मुंगेर के जमालपुर से इस ठग को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से मोबाइल बरामद हुआ, जबकि उसके बैंक खातों, डिवाइसों और डिजिटल लेनदेन की साइबर फोरेंसिक जांच जारी है।
लेकिन असली कहानी तो यहाँ से शुरू होती है यह वही आरोपी है जिसके खिलाफ जमालपुर थाना में 61/25 दर्ज है, जिसमें उसने शुभम कुमार से 24 लाख 78 हजार 645 रुपये ठग लिए थे। दोस्ती का झूठा पुल, गेमिंग सिस्टम का लालच और दिल्ली ले जाकर सेटअप देने का झांसा… इसी बहाने लाखों का चूना। इतना ही नहीं, शुभम के खाते को बैंक ने फ्रिज कर दिया, और इस झाँसे के जाल में फँसाकर भागलपुर के अरविंद से भी पहले 1 लाख, फिर 2 लाख ऐंठ लिए।
यह शातिर इतना चालाक था कि एक की ठगी का इस्तेमाल दूसरे को फँसाने में करता था ठीक मकड़ी की तरह अपना जाल बुनता और शिकार फँसाता।भागलपुर साइबर पुलिस ने उसके नेटवर्क पर अभी चुप्पी साध रखी है, पर पीड़ितों का दावा है कि यह इंटरनेशनल ठग है और इसके गिरोह की जड़ें कई शहरों तक फैली हैं।
रिपोर्ट- बालमुकुंद शर्मा