Bihar railway Station: दीपावली-छठ और चुनाव के बाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़, लंबी दूरी की ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह ठूस-ठूसकर जाने को लोग मजबूर
Bihar railway Station: दीपावली, छठ और बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अजगैवीनाथ धाम रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ रही है। कन्फर्म टिकट न मिलने से यात्रियों को मजबूरी में जनरल कोच से सफर करना पड़ रहा है।
Bihar railway Station: दीपावली और छठ पूजा की रौनक थमते ही, साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद, अब वह समय आ गया है जब प्रवासी मजदूर और निजी कंपनियों में काम करने वाले लोग दोबारा अपने रोज़गार वाले शहरों की ओर लौटने लगे हैं। दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे बड़े महानगर फिर से बिहार के हजारों युवाओं की मंज़िल बन रहे हैं।
इसी वजह से अजगैवीनाथ धाम रेलवे स्टेशन का माहौल इन दिनों बिल्कुल बदल गया है। सुबह से देर रात तक प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। लोग दूर-दूर से यहां केवल इसी उम्मीद में पहुंच रहे हैं कि शायद किसी ट्रेन में जगह मिल जाए, लेकिन लम्बी दूरी की किसी भी ट्रेन में सीटें लगभग पूरी तरह भर चुकी हैं। कन्फर्म टिकट पाने की कोशिशें कई दिनों से जारी हैं, पर सफलता किसी को नहीं मिल रही। वेटिंग लिस्ट कई सौ तक पहुंच चुकी है और तत्काल टिकट चंद सेकंड में गायब हो जा रहे हैं। कई लोग मजबूर होकर घुस-घुसकर जनरल डिब्बों में सफर कर रहे हैं। ट्रेन रुकते ही प्लेटफॉर्म पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है और लोग किसी भी हालत में डिब्बे में चढ़ने की कोशिश करते दिखाई देते हैं।
किन इलाकों से उमड़ रही है भीड़?
अजगैवीनाथ धाम रेलवे स्टेशन सिर्फ स्थानीय यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के 4-5 जिलों के लिए भी सबसे बड़ा रेल केंद्र बन गया है। मुंगेर, बांका, खगड़िया और शाहकुंड सहित आसपास के कई इलाकों से प्रतिदिन हजारों यात्री यहां पहुँचते हैं।मुंगेर के संग्रामपुर, तारापुर और असरगंज से लेकर बांका के शम्भूगंज, बेलहर और अमरपुर तक, बड़ी संख्या में लोग अपनी-अपनी थैलियों के साथ स्टेशन पहुंचते दिखते हैं। गंगा पार खगड़िया जिले के परबत्ता, अगुवानी और डुमरिया से भी यात्रियों का रोज़ का आना जारी है। भागलपुर जिले से आने वाली भीड़ भी स्टेशन की स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना रही है।
टिकट नहीं, जगह नहीं यात्रियों की बढ़ती मुश्किलें
स्टेशन की सबसे बड़ी समस्या यही है कि किसी भी लंबी दूरी की ट्रेन में सीट उपलब्ध नहीं। लोग रोज़ ऑनलाइन और काउंटर—दोनों से टिकट पाने की कोशिश करते हैं लेकिन नतीजा वही—लंबी वेटिंग लिस्ट।यात्रियों का कहना है कि स्लीपर के दरवाजों पर पहले से ही भारी भीड़ खड़ी रहती है, कई जगह तो सीटों और गैलरी के बीच तक लोग फंसे हुए होते हैं। जनरल बोगी में इस कदर भीड़ है कि खड़े रहना भी कठिन हो जाता है। कई लोग स्थिति देखकर घर लौट जाते हैं और कुछ मजबूरी में यात्रा करने का जोखिम उठा लेते हैं।एक यात्री ने कहा कि तीन दिन से दिल्ली का टिकट लेने की कोशिश कर रहा हूँ, लेकिन किसी भी तरह कन्फर्म नहीं हो रहा। कई लोग तो रात भर स्टेशन पर रुककर अगली ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं।
आखिर इतनी भीड़ क्यों बढ़ी?
त्योहारों और छठ पूजा के बाद हर साल बड़ी संख्या में लोग अपने काम पर लौटते हैं, लेकिन इस बार भीड़ और ज्यादा है। चुनाव के कारण भी बड़ी संख्या में प्रवासी बिहार आए थे, जो अब लौट रहे हैं।इसके साथ ही त्योहारों के स्पेशल ट्रेनों को बंद कर दिया गया है और नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त इंतज़ाम नहीं होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। यही वजह है कि अजगैवीनाथ धाम स्टेशन भीड़ से पूरी तरह भरा हुआ है और यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ रही है।