Bihar Weather: बिहार में मोंथा तूफ़ान ने बरपाया कहर, खेत बने तालाब, किसानों की सालभर की मेहनत पर फिरा पानी
Bihar Weather: चार दिन की लगातार बारिश और मोंथा चक्रवात के कहर ने बिहार में तबाही मचा दी है। ...
Bihar Weather: चार दिन की लगातार बारिश और मोंथा चक्रवात के कहर ने बिहार में तबाही मचा दी है। आसमान से बरसे पानी ने धरती का चेहरा ही बदल दिया है। जो खेत कुछ दिन पहले तक हरी-भरी फसलों से लहलहा रहे थे, अब तालाब बन चुके हैं। किसानों की सालभर की मेहनत पर सचमुच पानी फिर गया है।
लगातार मूसलाधार बारिश ने के भागलपुर जिले के दर्जनों गांवों में धान की तैयार फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। कई जगहों पर कटी हुई फसल खेतों में सड़ने लगी है, वहीं कई इलाकों से यह खबरें भी आ रही हैं कि डूबे हुए धान में अंकुर फूटने लगे हैं। इसका मतलब है न तो इस साल की खेती बची, और न अगली रबी फसल की कोई उम्मीद रह गई।
किसानों की आंखों में अब सिर्फ़ लाचारी और दर्द दिखाई दे रहा है। वे अपनी डूबती फसलों को देख रहे हैं, मगर कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। किसी की बीघों ज़मीन पर खड़ी फसल बर्बाद हुई, तो किसी की कटी हुई उपज बह गई। जिन खेतों से आमदनी की उम्मीद थी, वहीं अब सिर्फ़ कीचड़ और निराशा बची है।
स्थानीय किसान महेश यादव बताते हैं हम लोग तो बरबाद हो गए। धान का एक दाना भी नहीं बचा। अब अगली फसल कैसे बोएँगे, कुछ समझ में नहीं आ रहा।लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार इन किसानों की सुध लेगी? क्या मुआवज़ा या राहत राशि दी जाएगी? या फिर हमेशा की तरह इस बार भी किसानों की पीड़ा सरकारी फाइलों में ही दबकर रह जाएगी?
ग्रामीण इलाकों में स्थिति गंभीर है। नवगछिया, शाहकुंड, कजरैली और सुल्तानगंज क्षेत्र में सैकड़ों बीघा फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द मुआवज़े की घोषणा और सहायता राशि नहीं दी गई, तो अगली खेती शुरू करना भी मुश्किल हो जाएगा।
मोंथा चक्रवात ने सिर्फ़ फसलों को नहीं, बल्कि उम्मीदों को भी डुबो दिया है। खेतों में खामोशी पसरी है और उस खामोशी में सुनाई दे रही है किसानों की टूटी हुई उम्मीदों की आवाज़।
रिपोर्ट- अंजनी कुमार