क्या टूटेगा गोपाल मंडल का तिलिस्म? या पांचवी बार मारेंगे बाजी? गोपालपुर विधानसभा में पांच उम्मीदवारों की दावेदारी से दिलचस्प हुआ मुकाबला

क्या टूटेगा गोपाल मंडल का तिलिस्म? या पांचवी बार मारेंगे बाज

Bhagalpur/naugachhia - भागलपुर जिले की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है। क्या गोपाल मंडल का तिलिस्म टूटेगा? गोपालपुर विधानसभा का 2025 का चुनाव अब सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह पूरे कोसी-सीमांचल की राजनीति का सबसे बड़ा बहस का मुद्दा बन गया है। यह बिहार के सबसे हॉट सीटों में भी अब शामिल हो गया है।

लगातार चार बार विधायक गोपाल मंडल पर अब संकट के बादल

जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने 2005 से लेकर 2020 तक लगातार चार बार जीत दर्ज की है। क्षेत्र में उनकी पकड़ और दबदबा निर्विवाद रहा है। लेकिन उनके विवादित बयानों और बेबाक अंदाज ने इस बार उनकी सियासी राह मुश्किल कर दी है। जनता और पार्टी, दोनों ही असमंजस की स्थिति में हैं। गोपाल मंडल ने समय-समय पर पटना में हाजिरी लगाकर अपनी गलतियों को माफ कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन इसबार उनकी सियासी नैया हर बार की तरह उतनी भी आसान नहीं है। जितनी पहले थी। अब राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल चुकी है।

चर्चा है कि राजद के पूर्व सांसद बुलो मंडल गोपालपुर विधानसभा से सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभर रहे हैं। गत लोकसभा चुनाव के दौरान से ही चर्चा तेज है कि पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल इस बार टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं। साफ-सुथरी छवि और जातिगत समीकरणों पर मजबूत पकड़ उन्हें सबसे बड़ा दावेदार बनाती है।

गंगोता समाज के साथ-साथ यादव, मुस्लिम, वैश्य, सवर्ण, महादलित और पिछड़ी जातियों में भी उनकी पकड़ गहरी है। यही वजह है कि जदयू नेतृत्व उन्हें नज़रअंदाज़ करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

जदयू के अंदरूनी समीकरण

पार्टी में टिकट को लेकर कई और नाम भी चर्चा में हैं जिसमें जदयू के जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह कुशवाहा हैं। जो संगठन के मजबूत स्तंभ, कार्यकर्ताओं पर अपनी गहरी पकड़ रखते हैं। जदयू नेत्री, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासिचव अर्पणा कुमारी भी हाल के दिनों में गोपालपुर विधानसभा में काफी सक्रिय दिख रही हैं। महिला नेतृत्व की चेहरा हैं। सामाजिक सेवा से लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। 

नवगछिया के प्रमुख प्रतिनिधि सह जदयू के जिला उपाध्यक्ष मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू सिंह भी स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्होंने भी पटना दरबार में चुनाव लड़ने के लिए अपना बायोडाटा जमा कर दिया है।

गोपालपुर विधानसभा का चुनाव इस बार बेहद ऐतिहासिक होने वाला है। क्या गोपाल मंडल पांचवीं बार जीतकर अपना वर्चस्व बनाए रखेंगे? क्या बुलो मंडल जनता का भरोसा जीतकर नई कहानी लिखेंगे? या फिर जदयू किसी नए चेहरे को मौका देकर सियासत की नई इबारत गढ़ेगी? इतना तय है कि 2025 का गोपालपुर चुनाव बिहार की राजनीति का सबसे हाईप्रोफाइल और रोचक मुकाबला होगा।