सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हड़कंप: एजेंसी बदलते ही नौकरी जाने के डर से हड़ताल पर बैठे कर्मी, नोडल पदाधिकारी ने दिया भरोसे का आश्वासन

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हड़कंप: एजेंसी बदलते ही नौकरी जा

Bhagalpur : भागलपुर के मायागंज स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब वहां कार्यरत ड्रेसर, वार्ड अटेंडेंट, टेक्नीशियन और डाटा ऑपरेटरों ने अचानक काम ठप कर दिया और अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए। यह विरोध प्रदर्शन अस्पताल प्रबंधन द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी बदलने के फैसले के बाद शुरू हुआ। प्रबंधन ने पुरानी एजेंसी 'अंतरा' की जगह अब 'अंग विकास परिषद' कंपनी के माध्यम से सेवा लेने की घोषणा की है, जिसके चलते पुराने कर्मचारियों की सेवा समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है।

नई कंपनी ने काम से निकाला

हड़ताल में शामिल ड्रेसर राधिका कुमारी ने अपनी और अपने साथियों की व्यथा व्यक्त करते हुए बताया कि वे लोग पिछले चार महीनों से पूरी निष्ठा से अस्पताल में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "पुरानी कंपनी को हटा दिया गया है, लेकिन अब नई कंपनी के आने पर हमें काम से निकाला जा रहा है। प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि सभी को नहीं रखा जाएगा, कुछ लोग ही बचेंगे।" राधिका ने मांग की है कि जिस तरह वे पहले काम कर रहे थे, नई एजेंसी के तहत भी उन्हें उसी तरह समायोजित किया जाए और उनकी नौकरी सुरक्षित रखी जाए।

नोडल अधिकारी ने माना - गलत किया जा रहा  

हंगामे की सूचना मिलते ही अस्पताल के नोडल पदाधिकारी डॉ. महेश कुमार मौके पर पहुंचे और नाराज कर्मियों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने स्वीकार किया कि एजेंसी चयन को लेकर कुछ वैधानिक समस्याएं और अदालती मामले (केस) चल रहे थे, जिस कारण असमंजस की स्थिति बनी। डॉ. कुमार ने श्रम नियमों का हवाला देते हुए माना कि काम कर रहे किसी भी व्यक्ति को बिना किसी पूर्व नोटिस या कारण के अचानक नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से सेवा अनुबंध पहले खत्म हो चुका था, लेकिन मानवता और नियम के आधार पर कर्मियों को एकदम से बेसहारा नहीं छोड़ना चाहिए।

कर्मियों को किया जाएगा समायोजित

डॉ. महेश कुमार ने प्रदर्शनकारी कर्मियों को आश्वासन दिया कि अस्पताल अधीक्षक (सुपरिटेंडेंट) ने इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने अधीक्षक के हवाले से कहा, "ये सभी कर्मी हमारे बच्चों की तरह हैं और हम इनके साथ हैं।" उन्होंने भरोसा दिलाया कि इन कर्मियों को अस्पताल में समायोजित (accommodate) करने की पूरी कोशिश की जाएगी। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कल एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी पक्षों को साथ लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, ताकि अस्पताल की सेवा भी बाधित न हो और कर्मियों का रोजगार भी बचा रहे।

रिपोर्ट - बालमुकुंद कुमार