Bihar News: पूर्वी बिहार में बड़े बदलाव की आहट, मरीन ड्राइव से एयरपोर्ट और वाटरवे तक, सरकार ने तैयार किया नए विकास का नक्शा , 10 हज़ार करोड़ की मिली तीन बड़ी सौग़ातें

Bihar News:पूर्वी बिहार का अहम और ऐतिहासिक ज़िला भागलपुर अब तरक़्क़ी और तामीरात के एक नए दौर में क़दम रख रहा है। बड़े पावर प्रोजेक्ट के बाद अब जिले को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये की तीन नायाब व अत्यंत अहम परियोजनाओं की सौग़ात मिली है

Eastern Bihar Set for Big Makeover
पूर्वी बिहार में बड़े बदलाव की आहट- फोटो : social Media

Bihar News:पूर्वी बिहार का अहम और ऐतिहासिक ज़िला भागलपुर अब तरक़्क़ी और तामीरात के एक नए दौर में क़दम रख रहा है। बड़े पावर प्रोजेक्ट के बाद अब जिले को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये की तीन नायाब व अत्यंत अहम परियोजनाओं की सौग़ात मिली है—मुंगेर–भागलपुर मरीन ड्राइव, सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, और हल्दिया से बनारस तक इनलैंड वाटरवे। प्रशासन का मानना है कि इन योजनाओं के मुकम्मल होते ही भागलपुर पूरे पूर्वी बिहार का ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और टूरिज़्म हब बनकर उभरेगा।

भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी के मुताबिक गंगा किनारे मुंगेर से भागलपुर तक 8500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला मरीन ड्राइव दो चरणों में पूरा होगा। भूमि अधिग्रहण को लेकर दोनों ज़िलों के प्रशासन से प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं और बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ़ सफ़र आसान होगा बल्कि गंगा तट का सुरम्य नज़ारा पर्यटन को नई रफ़्तार देगा।

इसी तरह सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट अब पूरी गंभीरता के साथ ज़मीन पर उतरने को तैयार है। शुरुआती चरण के लिए 432.32 करोड़ की राशि जारी हो चुकी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उड़ान और लैंडिंग पाथ से जुड़ी तकनीकी रिपोर्टें मांगी हैं। एयरपोर्ट बनने के बाद धार्मिक पर्यटन, व्यापार और कनेक्टिविटी में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होने की उम्मीद है।

IWD के रीजनल डायरेक्टर अरविंद कुमार के अनुसार हल्दिया से बनारस तक जलमार्ग विकसित करने का काम भी तेज़ी से जारी है। इससे जहाज़ों से माल ढुलाई सस्ती होगी, सड़क यातायात का बोझ कम होगा, नदी किनारे कटाव रोका जा सकेगा और गर्मी के मौसम में जलसंकट पर क़ाबू पाया जा सकेगा। व्यापार और पर्यटन दोनों में नई जान आने की पूरी गुंजाइश है।

अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों परियोजनाओं के पूर्ण होते ही भागलपुर का भविष्य एकदम बदल जाएगा और यह जिला पूर्वी बिहार की तरक़्क़ी का नया मरकज़ बनकर उभरेगा।