Bihar Election 2025 : बिहपुर विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी अजय रविदास के प्रचार वाहन पर हमला, पोस्टर फाड़े जाने से मचा हड़कंप
BHAGALPUR : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। राजनीतिक सरगर्मी और प्रतिस्पर्धा भी तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में भागलपुर जिले के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी अजय रविदास के प्रचार वाहन पर हमला और पोस्टर फाड़े जाने की घटना ने माहौल को गर्मा दिया है। यह घटना शनिवार की देर रात नारायणपुर प्रखंड के चौहद्दी गांव में हुई, जहां अजय रविदास के प्रचार वाहन (टोटो) पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर पोस्टर फाड़ दिए। मिली जानकारी के अनुसार, प्रचार वाहन चालक बंटी कुमार जब चौहद्दी गांव में प्रचार कर रहा था। तभी कुछ लोगों ने वाहन को रोक लिया और उस पर लगे प्रचार पोस्टर फाड़ने लगे। जब चालक ने इसका विरोध किया तो उसके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।
घटना के बाद ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और प्रचार वाहन चालक किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकला। इस घटना की जानकारी मिलते ही निर्दलीय प्रत्याशी अजय रविदास ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए भवानीपुर थाना में लिखित आवेदन दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी माहौल में जानबूझकर उनके प्रचार को बाधित करने और जनता में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। घटना की पुष्टि करते हुए भवानीपुर थाना अध्यक्ष शंभू कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम को मौके पर भेजा गया, लेकिन तब तक आरोपी मौके से फरार हो चुके थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान के लिए गांव के सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है। थानाध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की घटना को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इधर, इस घटना के बाद से नारायणपुर और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक तनाव का माहौल बन गया है। अजय रविदास समर्थकों ने इस घटना को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया है और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी प्रक्रिया की स्वच्छता और शांति व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, चौहद्दी गांव में हाल के दिनों में राजनीतिक गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं। हर प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र में प्रचार में जुटा हुआ है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं माहौल को और अधिक संवेदनशील बना रही हैं। कुल मिलाकर, यह घटना न केवल चुनावी प्रतिस्पर्धा की तीव्रता को दर्शाती है। बल्कि प्रशासन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति भी है कि वह चुनावी अवधि में शांति व्यवस्था बनाए रखे। फिलहाल, पुलिस जांच में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट