उग हो सूरज देव, भईल अरग के बेर... छठी मैया की भक्ति में डूबी भारतीय रेलवे, स्टेशनों 24 घंटे बज रहे छठ के गीत, बिहार में इंट्री करते ही भक्तिमय हो जाएगा मन

chhath puja - रेलवे ने इस बार छठ पर्व पर नई पहल की है। रेलवे द्वारा बिहार के प्रमुख स्टेशनों पर 24 घंटे छठ के गीत बजाए जा रहे हैं। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है

उग हो सूरज देव, भईल अरग के बेर... छठी मैया की भक्ति में डूबी

Bhagalpur - बिहार के लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा 2025 को यादगार बनाने के लिए रेलवे ने भी बड़ी तैयारी की है। न सिर्फ बिहार आनेवाले लोगों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, बल्कि टिकट लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका का पूरा ख्याल रखा  गया है। इसके साथ ही इस वर्ष छठ पूजा को लेकर रेलवे ने एक नई पहल शुरू की है। 

स्टेशनों पर बज रहे छठ के गीत

छठ पर्व 2025 को देखते हुए रेलवे ने 30 से अधिक प्रमुख स्टेशनों पर छठ के पारंपरिक गीतों का प्रसारण शुरू किया है। स्टेशन पर गूंज रहे ये गीत यात्रियों के मन को भा रहे हैं और उन्हें बिहार-झारखंड की सोंधी संस्कृति से जोड़ रहे हैं। 

यात्रियों के लिए नया अनुभव

रेलवे स्टेशन पर जैसे ही उद्घोषणा के बीच छठ पूजा से जुड़े प्रसिद्ध छठ गीत सुनाई देते हैं, यात्री मंत्रमुग्ध हो उठते हैं। महिला यात्री गीतों के साथ गुनगुनाने से खुद को नहीं रोक पा रही हैं। रेल यात्रियों ने कहा कि स्टेशन पर मिल रहा यह अनुभव उन्हें घर और छठ घाट की याद दिला रहा है।

पहली बार यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड के निर्देश पर भागलपुर के अलावा बिहार, झारखंड सहित पूर्व रेलवे के सभी रेलवे स्टेशनों पर की गई है।  रेलवे के अधिकारी ने बताया कि छठ पूजा के गीत के साथ ही ट्रेन संबंधित सूचना भी दी जा रही है। पूर्व रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार छठी मइया की गीत 24 घंटे छठ पूजा तक स्टेशनों पर बजेगा।

कल से शुरू होगा चार दिवसीय महापर्व
 शनिवार, 25 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहे चार दिवसीय अनुष्ठान लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 2025 के पावन अवसर पर जहां परवैतीन (व्रती महिलाओं) के घर देर रात तक छठ गीत गूंज रहे हैं। वहीं सड़क से लेकर बाजार, बसों, आटो, टोटो में जहां-तहां छठ मइया की गीत गूंजने लगे हैं। कांच ही बांस के बहंगिया, रुनकी-झुनकी बेटी मांगीला, केलवा के पात पर उगे लन सुरुज देव, पहिले पहिल छठी मइया, उग हे सुरुज देव, हे छठी मइया, पटना के घाट पर और हे दीनानाथ' जैसे छठ गीत अभी से ही अर्घ्य अपर्ण का अहसास करा रहे हैं।