Bihar police -- पुलिस लाइन के परिवहन शाखा में फर्जी बिल से जमकर हुई पैसे की हेरा फेरी, कई वरीय पदाधिकारी और डीएसपी फंसे, होगी विभागीय कार्रवाई

Bihar police - पुलिस लाइन में वाहनों के मरम्मत के नाम पर लाखों के फर्जीवाड़े की जांच के बाद डीएसपी सहित कई वरीय पदाधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं. मामले में कई पुलिसकर्मी पर केस दर्ज किया गया है।

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पुलिस लाइन में बड़ा फर्जीवाड़ा- फोटो : बाल मुकुंद कुमार

Bhagalpur - सीएम नीतीश कुमार के सुशासन में भागलपुर पुलिस लाइन में यह सब हुआ है जिससे कि पुलिस विभाग की काफी बदनामी भी हो रही है। पहले ही भागलपुर पुलिस लाइन में परिवहन शाखा में हो रही हेरा फेरी के मामले में महत्वपूर्ण खुलासे कर दिए थे। बिहार सरकार ने भागलपुर पुलिस लाइन के मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस लाइन के डीएसपी संजीव कुमार को पहले ही बदल दिया गया है ।

सीआईडी जांच में  कई खुलासे

 डीजीपी विनय कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया भागलपुर के मामले में बहुत गंभीर दिखे और इस मामले की जांच सीआईडी विभाग को सौंप दी फिर सीआईडी की आईडी पुलिस केंद्र की परिवहन शाखा में बड़े पैमाने पर खेले गए भ्रष्टाचार के खेल में एक से एक चौंकाने वाली जानकारियां अनुसंधान के क्रम में आने लगी है।

कई पुलिसकर्मी आए लपेटे में  

परिवहन शाखा में ऐसी हेराफेरी की जांच की जद में कई घाघ पुलिस पदाधिकारी और उनके संरक्षण में भ्रष्टाचार का खेल खेलने वाले पुलिसकर्मी आने लगे हैं। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में वाशिंग पिट चलाने वाले शो-रूम, वर्कशाप चलाने वाले शो-रूम संचालकों की भूमिका सामने आ रही है। 

फर्जी बिल का सिंडिकेट

ये पुलिस पदाधिकारियों के सिंडिकेट से मिलकर फर्जी बिल से लाखों की हेराफेरी कर चुके हैं। वाहनों के रख-रखाव, तेल की हेराफेरी और फर्जी बिल पर लाखों डकारने का खेल अब सामने आने लगा है। 

परिवहन शाखा में खेले गए भ्रष्टाचार के खेल की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई परिवहन शाखा में तैनात कई पदाधिकारियों और उनके संरक्षण में खेल जारी रखने वाले पुलिसकर्मियों को जांच की जद में ले रखा है। अब जांच की जद में आए सक्षम पदाधिकारियों के कार्यकाल में फर्जी बिल की होने वाली हेराफेरी और फर्जी बिल पर भुगतान की जांच की जा रही है। 

वर्कशॉप की बनाई गए सूची

वाहनों की मरम्मत और कल-पुर्जे बदलाव के लिए संपर्क में आने वाले कुछ वर्कशॉप की सूची भी तैयार की गई है जहां परिवहन शाखा से चल रहे सिंडिकेट के जरिये फर्जी बिल के नाम पर बड़ी राशि का भुगतान किया जाता रहा है। 

आर्थिक अपराध इकाई उन अधिकारियों के कार्यकाल में मिली शिकायतों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई। जांच के लिए गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट क्या थी। जांच फाइलें कब-कब दबा दी गई इसकी भी जांच कर रही है। ताकि परिवहन शाखा में खेले गए भ्रष्टाचार के खेल में शामिल पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों का चेहरा बेनकाब किया जा सके।

Report - balmukund kumar