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BSEB: सेंटअप परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों पर बिहार बोर्ड सख्त, नहीं मिलेगा एडमिट कार्ड

बिहार बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इंटर और मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को वार्षिक परीक्षा 2025 के लिए प्रवेश पत्र जारी नहीं करने का फैसला किया है।

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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत इंटरमीडिएट और मैट्रिक की सेंटअप परीक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों को वार्षिक परीक्षा 2025 में बैठने का मौका नहीं मिलेगा। समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि जो छात्र सेंटअप परीक्षा में पास नहीं होंगे, उन्हें वार्षिक परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि सेंटअप परीक्षा में पास होना छात्रों के लिए अनिवार्य शर्त बन गया है। समिति द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, इंटरमीडिएट और मैट्रिक के छात्रों को वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए सेंटअप परीक्षा पास करनी होगी। इस नियम के लागू होने से छात्रों पर पढ़ाई का दबाव और अधिक बढ़ गया है, क्योंकि यह परीक्षा अब वार्षिक परीक्षा में भाग लेने की शर्त बन चुकी है। इससे पहले, सेंटअप परीक्षा केवल छात्रों की तैयारी का आकलन करने के लिए होती थी, लेकिन अब इसका परिणाम छात्रों के वार्षिक परीक्षा में प्रवेश के लिए निर्णायक हो गया है।


एडमिट कार्ड के लिए छात्रों को मिलेगी ऑनलाइन सुविधा

बिहार बोर्ड ने इंटर और मैट्रिक के छात्रों के एडमिट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है। सेंटअप परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र समिति की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिन्हें छात्र स्वयं डाउनलोड कर सकेंगे। यह प्रवेश पत्र केवल सेंटअप परीक्षा के लिए मान्य होगा। मुख्य वार्षिक परीक्षा के लिए अलग से प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा, जो केवल सेंटअप परीक्षा पास करने वाले छात्रों को ही मिलेगा।


डीईओ को विशेष निर्देश, सुनिश्चित होगी सख्ती

बिहार बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को निर्देश दिए हैं कि वे इस नियम का सख्ती से पालन करवाएं। सभी छात्रों की सेंटअप परीक्षा के परिणामों की जांच की जाएगी और केवल योग्य छात्रों के लिए ही वार्षिक परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी होगा। यह कदम परीक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उठाया गया है ताकि वे छात्र ही वार्षिक परीक्षा में शामिल हों जो वास्तव में विषयों की बुनियादी जानकारी रखते हों। इस नई नीति के चलते छात्रों और उनके अभिभावकों में चिंता की लहर है। छात्र सेंटअप परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं क्योंकि अब यह उनके वार्षिक परीक्षा में बैठने का आधार बन गया है। कई छात्रों का कहना है कि अब उनकी पढ़ाई का स्तर भी ऊंचा हो गया है क्योंकि एक असफलता उन्हें साल की मुख्य परीक्षा से बाहर कर सकती है।


बिहार बोर्ड के इस कदम पर शिक्षाविदों और छात्रों के बीच मिलेजुले विचार देखने को मिल रहे हैं। कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षा के स्तर को सुधारने में सहायक हो सकता है, क्योंकि इससे छात्रों को पढ़ाई के प्रति गंभीर होने की सीख मिलेगी। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इस फैसले से दबाव में आए छात्रों में तनाव बढ़ सकता है और इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का यह निर्णय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि बिना मेहनत और तैयारी के अब परीक्षा में बैठना आसान नहीं होगा। समिति ने यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और छात्रों को अनुशासित ढंग से पढ़ाई करने के लिए उठाया है। अब सेंटअप परीक्षा केवल एक औपचारिकता नहीं रह गई है, बल्कि छात्रों के वार्षिक परीक्षा में भाग लेने का पहला कदम बन गई है।

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