PATNA - बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। अब इस शिक्षक भर्ती में ऐसे अभ्यर्थी भी शिक्षक बन गए हैं. जिन्होंने डिस्टेंस से 18 माह का डीएलएड किया है। पांच जिलों में टीआरई के पहले चरण में नियुक्त हुए ऐसे शिक्षकों की पहचान की गई है। जिसके बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने इन जिलों के अधिकारियों को इन शिक्षकों की सूची भेज जांच करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि सूची में डेढ़ दर्जन शिक्षकों के नाम हैं।
मांगे गए प्रमाण पत्र
कोर्ट में मामला जाने के बाद इनकी जांच शुरू हुई है। संबंधित शिक्षकों के डीएलएड के प्रमाणपत्र को लेकर सभी साक्ष्य रिपोर्ट मांगे गए हैं। वहीं डीएलएड पर बहाल शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच का भी आदेश दिया गया है। जिसके बाद ऐसे शिक्षकों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। बता दें कि शिक्षक भर्ती में दो साल के डीएलएड पर ही नियुक्ति होनी थी।
18 महीने का प्रशिक्षण नहीं होगा मान्य - कोर्ट
निदेशक ने निर्देश दिया है कि यह वाद कोर्ट में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में दायर किया गया है। प्राथमिक शिक्षक की नियुक्ति के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 28 नवम्बर 2023 को पारित आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए 18 माह का खुला और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त प्रशिक्षण मान्य नहीं होगा। दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी ही प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की योग्यता रखते हैं।