DARBHANGA - दरभंगा स्वास्थ्य विभाग में डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां डीएमसीएच के अधीक्षक के लेटर पैड पर पहले डाटा ऑपरेटर की बहाली को लेकर घोषणा की गई। जिसके बाद 40 चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट भी सोशल मीडिया पर जारी कर दी गई। हैरानी की बात यह है कि डीएमसीएच अधीक्षक को इसकी जानकारी तक नहीं थी। लिस्ट सामने आने के बाद उन्होंने दरभंगा पुलिस को लिस्ट देकर कार्रवाई करने को कहा है। वहीं डीएमसीएच की कार्रवाई के बाद पैसे दे चुके अभ्यर्थियों में बवाल मच गया है।
जानकारी के अनुसार डीएमसीएच की अधीक्षक डा. अलका वर्मा के लैटरहैड से प्रखंड स्तर के अस्पतालों के लिए डाटा ऑपरेटर की बहाली निकाली जा रही थी। जिसमें कई अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया। जिसके बाद 40 अभ्यर्थियों का चयन कर उनकी लिस्ट भी सोशल मीडिया पर जारी कर दी गई। रोचक बात यह है कि लिस्ट में चुने गए डाटा ऑपरेटर में कोई भी दरभंगा जिले का नहीं था।
डीएमसीएच को नहीं थी जानकारी
गड़बड़ी तब शुरू हुई जब चुने गए अभ्यर्थियों ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि नियुक्ति के लिए डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की जा रही है। लोग ठगी के इस जाल में फंस रहे थे, उससे पहले इसकी जानकारी डीएमसीएच प्रशासन को मिल गई। अधिकारी यह जिसके बाद अधीक्षक डॉ.अलका झा ने इसकी सूचना पुलिस को दी है।
बहरहाल, डाटा आपरेटर की नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े से नौजवान सकते में हैं। सूत्रों का कहना है कि अधीक्षक कार्यालय के कई कर्मी नौकरी, ट्रांसफर-पोस्टिंग, टेंडर मैनेज आदि के नाम पर अवैध उगाही कर रहे हैं। जिसमें मेडिकल कॉलेज के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं।