पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) ने राष्ट्रीय शोध परिदृश्य में अपनी एक नई पहचान बनाई है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की ताजा सूची में पटना यूनिवर्सिटी को देशभर में 99वां स्थान प्राप्त हुआ है। खास बात यह है कि पीयू बिहार का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जिसे इस सूची में शामिल किया गया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से पीयू के रिसर्च क्षेत्र में नई संभावनाओं का मार्ग खुल गया है।
क्या है एएनआरएफ और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
एएनआरएफ का गठन देशभर में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसका उद्देश्य उन विश्वविद्यालयों को वित्तीय और तकनीकी सहायता देना है, जो शोध के क्षेत्र में प्रगति करने की क्षमता रखते हैं। इसके तहत पार्टनरशिप फॉर एक्सेलेरेटेड इनोवेशन एंड रिसर्च (पीएआईआर) पहल भी शुरू की गई है। पटना यूनिवर्सिटी का नाम इस सूची में शामिल होने से न केवल विश्वविद्यालय के शोध कार्य तेज होंगे, बल्कि इसके लिए अलग से फंड भी जारी किए जाएंगे।
एनआईआरएफ रैंकिंग ने दिलाई जगह
पटना यूनिवर्सिटी को यह स्थान नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की स्टेट यूनिवर्सिटी कैटेगरी में 51-100 के बीच रैंक मिलने की वजह से प्राप्त हुआ है। एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर ही एएनआरएफ ने पीयू को इलिजिबल यूनिवर्सिटी कैटेगरी-1 में जगह दी है।
पटना यूनिवर्सिटी में खुशी का माहौल
इस उपलब्धि पर पटना यूनिवर्सिटी में जश्न का माहौल है। पीयू के पूर्व कुलपति ने कहा कि यह न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। इस उपलब्धि के जरिए पीयू अब केंद्र सरकार से शोध कार्यों के लिए फंडिंग के प्रस्ताव भेजने में सक्षम हो गया है। रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के निदेशक प्रो. बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस सूची में शामिल होने के बाद अब पीयू उन सभी श्रेणियों में रिसर्च फंडिंग के लिए प्रस्ताव भेज सकेगा, जिसके लिए यह इलिजिबल है। एएनआरएफ द्वारा इन प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
शोध को मिलेगा नया आयाम
इस पहल के तहत पीयू में अनुसंधान की गति तेज होगी और यह अपने शोध प्रस्तावों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित कर सकेगा। एएनआरएफ में शामिल विश्वविद्यालयों को एनआईआरएफ में उच्च रैंक वाले संस्थानों से मेंटरशिप दी जाएगी, जिससे इनकी क्षमता में इजाफा होगा।
प्रधानमंत्री ने की पहली बैठक की अध्यक्षता
एएनआरएफ का संचालन 10 सितंबर को गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक के साथ शुरू हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की। एएनआरएफ को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के तहत विकसित किया गया है। पटना यूनिवर्सिटी की इस उपलब्धि से बिहार में शिक्षा और अनुसंधान का स्तर बेहतर होने की उम्मीद है। यह पहल न केवल शोध में निवेश को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि युवाओं को नवीन विचारों पर काम करने का अवसर भी प्रदान करेगी।