PATNA - बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। एक ऐसी शख्सियत, जो बिहार के लोक गायिकी की पहचान बनकर पांच दशकों तक देश विदेश तक अपनी गीतों से लोगों के दिलों पर राज करती रही। खास तौर पर छठ पर गाए उनके गीतों को शायद ही देश का कोई कोना हो, जहां न सुना जाता हो। छठ पर्व पर उनके गाए गीत शारदा सिन्हा की पहचान बन गए। हर साल छठ पर्व पर उनका रिलीज होता था।
इस बार जब छठ से सिर्फ डेढ़ महीने पहले पति का निधन और जब एक सप्ताह पहले वह बीमारी के कारण दिल्ली एम्स में भर्ती हुईं तो ऐसा लगा कि शायद इस बार शारदा सिन्हा के सुरीले स्वर में गाए छठ गीत इस बार सुनने को नहीं मिलेंगे। लेकिन अस्पताल से ही पांच दिन पहले उन्होंने अपना छठ गीत रिलीज किया। गीत को सुनकर ऐसा लगा कि शारदा सिन्हा ने अपना सारा दर्द इस गाने में डाल दिया है, जो स्वर बनकर उनके मुख से निकल रहा है।
गाने के बोल हैं...'दुखवा मिटाईं छठी मइया....रउए आसरा हमार...सबके पुरवेली मनसा...हमरो सुनलीं पुकार।' गाने के बोल में साफ झलकता है कि छठी मइया के प्रति उनका लगाव कितना गहरा था।
आज शारदा सिन्हा हमलोगों के बीच नहीं रहीं। ऐसे में उनके आखिरी छठ गीत को सुनकर लोगों के आंसू नहीं थम रहे हैं।