N4N DESK - यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए साल 2024 बेहद खास रहा। इस साल यूपीएससी क्लियर करनेवाले 180 अभ्यर्थी आईएएस बने, वहीं 200 से ज्यादा अभ्यर्थियों को आईपीएस के लिए चुना गया। इस बार यूपीएससी में कुछ खास बात भी हुई।
पिछले 11 साल में हुआ ऐसा
यूपीएससी के पिछले 11 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी आईपीएस ने इस एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है। इससे पहले साल 2013 में आईपीएस गौरव अग्रवाल ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की थी।
इसी तरह यूपीएससी में टॉप 5 में शामिल तीन कैंडिडेट्स पहले से आईपीएस हैं। यूपीएससी में टॉप करनेवाले लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव पहले से ही आईपीएस केलिए चुने गए थे और वह रिजल्ट आने के दौरान अपनी ट्रेनिंग नेशनल पुलिस एकेडमी में थे। इसी तरह रैंक 4 पर रह पी के सिद्धार्थ रामकुमार और रैंक 5 सुहानी भी आईपीएस के लिए सेलेक्ट होने के बाद ट्रेनिंग कर रही थी।
हिन्दी प्रदेश का दिखा दबदबा
पिछले कई सालों से यूपीएससी में हिन्दी प्रदेश के राज्यों की तुलना साउथ के राज्यों के अभ्यर्थी ज्यादा कामयाब हो रहे थे। वहीं इस साल इसमें बदलाव आया है। इस साल यूपीएससी में यूपी से सबसे ज्यादा 27 आईएएस अफसर बने हैं। वहीं दूसरे स्थान पर राजस्थान से 23 अभ्यर्थी आईएएस अफसर बने है। बिहार से 11 और मध्य प्रदेश से 7 उम्मीदवार अफसर बने हैं।
180 से अधिक नहीं चुने जाते आईएएस
इस साल यूपीएससी में 180 कैंडिडेंट्स आईएएस के लिए चुने गए। लेकिन, इससे ज्यादा कैडिंडेट्स क्यों नहीं चुने जाते। इसको लेकर भी एक गाइडलाइन तय गई है। काबिल और योग्य आईएएस ऑफिसर्स को एक बेहतर संख्या में लेने के लिए बासवान समिति ने कुछ सिफारिशें की थी। इन सिफारिशों को मानते हुए सीएसई-2012 के बाद से सिविल सर्विसेस एग्जाम के जरिए आईएएस ऑफिसर्स के एनुअल इनटेक को बढ़ाकर 180 कर दिया था। वहीं. कमिटी द्वारा यह भी सिफारिश की गई थी कि 180 से अधिक आईएएस ऑफिसर्स को एक बार में लेना प्रशासनिक सेवा की गुणवत्ता से समझौता करने जैसे होगा।
तीन चरणों में परखी जाती है कैंडिंडेट की योग्यता, लाखों में कुछ को मिलती है सफलला
यूपीएससी की तरफ से आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस पदों पर भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिसमें प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू की प्रक्रिया शामिल होती है। हर साल लगभग 9 से 10 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन उनमें से चुनिंदा अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर अधिकारी का पद हासिल कर पाते हैं।