Bihar Chapra News:छपरा की छोरी को CM नीतीश ने दिया नायाब तोहफा! खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में शानदार प्रदर्शन पर गिफ्ट की साइकिल, कीमत इतनी की खरीद लेंगे 6 बुलेट बाइक
Bihar Chapra News: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में छपरा की सुहानी कुमारी ने साइक्लिंग में पदक जीतकर बिहार को गौरवान्वित किया। जानिए राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दी जा रही सुविधाएं और योजनाओं का पूरा विवरण।

Bihar Chapra News: बिहार की धरती हमेशा से प्रतिभाओं की जननी रही है और खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 इसका नया उदाहरण बनकर सामने आया है। इस बार छपरा की सुहानी कुमारी ने इंडिविजुअल परस्यूट साइक्लिंग स्पर्धा में पदक जीतकर न केवल राज्य को गौरवान्वित किया बल्कि यह साबित कर दिया कि बिहार की बेटियां अब किसी भी मंच पर पीछे नहीं हैं।सुहानी की यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह राज्य के खेल विकास की नीति, संसाधनों और अवसरों का प्रतिफल भी है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विशेष बल दिया गया है।
सरकार की मदद से हासिल की सफलता
सुहानी की जीत के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, लेकिन इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री खेल छात्रवृत्ति योजना और राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग ने भी उन्हें नई ऊंचाई दी है। मुख्यमंत्री द्वारा 11 लाख रुपये की प्रोफेशनल साइकिल उपलब्ध कराना उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ। यह सहायता प्रेरणा श्रेणी के अंतर्गत दी गई, जिससे उनका अभ्यास और प्रतिस्पर्धा का स्तर अंतरराष्ट्रीय हो गया।सुहानी खुद स्वीकार करती हैं कि यदि यह समर्थन न मिला होता, तो वह इतने बड़े मंच तक नहीं पहुंच पातीं। यही कारण है कि वह आज पूरे बिहार के युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं।
बिहार में खेल का बढ़ता आधार: सरकार की रणनीति
राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों के प्रति गंभीरता दिखाई है। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित इंडोर स्टेडियम, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, और साइक्लिंग ट्रैक (राजगीर में निर्माणाधीन) जैसे ढांचागत विकास बिहार को खेल शक्ति बनाने की ओर एक मजबूत कदम हैं।
अधिकारियों की मानें तो राजगीर में बन रहा साइक्लिंग ट्रैक जल्द ही बनकर तैयार होगा, जो भारत के सर्वश्रेष्ठ ट्रैकों में एक होगा। इससे जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिलेगा, वह भविष्य में और अधिक पदक लाने की राह को प्रशस्त करेगा।
प्रतिभा की पहचान और प्रोत्साहन: ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ और ‘मशाल अभियान’
राज्य सरकार ने 'मेडल लाओ, नौकरी पाओ' जैसी योजनाओं से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि खेल अब केवल शौक नहीं, करियर का भी मजबूत विकल्प है। साथ ही 'मशाल अभियान' जैसे प्रतिभा खोज कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों की छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाने में सहायक हो रहे हैं।इसके अतिरिक्त, हर जिले में खेल भवन, प्रखंड स्तर पर आउटडोर स्टेडियम, और ग्राम स्तर पर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज की योजना से बिहार का ग्रासरूट स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है।
खेलो इंडिया: युवाओं को दे रहा मंच, सुहानी कुमारी बनीं प्रेरणा
खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे आयोजन न केवल प्रतिस्पर्धा का अवसर देते हैं, बल्कि युवाओं को यह भी सिखाते हैं कि लगन, समर्थन और सही दिशा मिलने पर वे किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना झंडा बुलंद कर सकते हैं। सुहानी की उपलब्धि इसी विश्वास की गवाही है।