Chapra kidnapping case: सारण में डॉक्टर अपहरण प्रयास का 23 घंटे में पर्दाफाश! पुलिस मुठभेड़ में दो बदमाश घायल, पांच गिरफ्तार
Chapra kidnapping case: सारण में डॉक्टर अपहरण प्रयास का पुलिस ने 23 घंटे में खुलासा किया। मुठभेड़ में दो बदमाश घायल हो गए, जबकि 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए।
Chapra kidnapping case: सारण जिले में पुलिस ने तेज और निर्णायक कार्रवाई करते हुए एक गंभीर आपराधिक साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया। शहर के एक चर्चित चिकित्सक के अपहरण की योजना बना रहे बदमाशों को पुलिस ने महज 23 घंटे के भीतर पकड़ लिया। इस दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ भी हुई, जिसमें दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। इस कार्रवाई के बाद जिले में सुरक्षा को लेकर लोगों ने राहत महसूस की है।
भगवान बाजार इलाके में हुई पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़
यह मुठभेड़ भगवान बाजार थाना क्षेत्र में डॉ. पीएम सिंह डिग्री कॉलेज के पास हुई। पुलिस टीम आरोपियों को हथियार बरामदगी के लिए लेकर वहां पहुंची थी। इसी दौरान बदमाशों ने अचानक पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने हालात को देखते हुए आत्मरक्षा में जवाबी गोली चलाई। इस कार्रवाई में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी और वे मौके पर ही पकड़ लिए गए।
घायल बदमाशों की पहचान और इलाज
घायल अपराधियों की पहचान रंजन राय और सोनू कुमार के रूप में हुई है। दोनों को तुरंत छपरा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार, दोनों की हालत खतरे से बाहर है।
डॉक्टर के अपहरण की पूरी साजिश कैसे रची गई
सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि यह घटना 17 दिसंबर की रात की है। नगर थाना क्षेत्र के दहियावां इलाके में स्थित कुमार हेल्थ केयर रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. सजल कुमार अपने क्लीनिक से घर लौट रहे थे। जैसे ही वे साधनापुरी स्थित अपने आवास के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने हथियार के बल पर उन्हें और उनके चालक को जबरन कार में बैठा लिया।
घर के कर्मचारी को भी बनाया गया बंधक
अपहरण के दौरान बदमाशों ने घर के एक कर्मचारी को भी जबरन गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद कार को शहर के अलग-अलग इलाकों में घुमाया जाने लगा। बदमाश इस पूरी घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे।
डॉक्टर की बहादुरी से टली बड़ी वारदात
जब वाहन नगर पालिका चौक के पास पहुंचा, तो घने कोहरे के कारण उसकी रफ्तार धीमी हो गई। इसी मौके का फायदा उठाकर डॉ. सजल कुमार ने चलती कार से छलांग लगा दी। इस साहसिक कदम से वे खुद को बचाने में सफल रहे। इसके बाद बदमाश मौके से फरार हो गए, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया।
एसआईटी के गठन के बाद तेजी से हुई कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी के निर्देश पर एएसपी राम पुकार सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच टीम बनाई गई। टीम ने तकनीकी साक्ष्य और स्थानीय सूत्रों की मदद से जांच शुरू की। कुछ ही घंटों में संदिग्धों की पहचान कर ली गई और पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा हो गया।
व्यावसायिक रंजिश बनी अपहरण की वजहजांच में यह सामने आया कि इस अपहरण की साजिश के पीछे व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता थी। पुलिस के अनुसार, एक अन्य चिकित्सक ने अपने प्रतिस्पर्धी को डराने और नुकसान पहुंचाने के इरादे से अपराधियों को सुपारी दी थी। फिलहाल सभी आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है।
अपराधियों के नेटवर्क और हथियारों की जांच जारी
पुलिस अब इस मामले में इस्तेमाल किए गए हथियारों, अपराधियों के पुराने रिकॉर्ड और उनके संपर्कों की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस त्वरित कार्रवाई से अपराधियों को साफ संदेश मिला है कि जिले में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।