Bihar News: 300 वर्षों पुराना इतिहास फिर हुआ जीवंत, छपरा का डच मकबरा संरक्षित स्मारक घोषित

Bihar News: बिहार के छपरा शहर में स्थित 300 साल पुराना डच मकबरा अब संरक्षित स्मारक घोषित हो गया है। बिहार सरकार के पुरातत्त्व निदेशालय ने इसे 16 अप्रैल को आधिकारिक दर्जा दिया।

Bihar News: 300 वर्षों पुराना इतिहास फिर हुआ जीवंत, छपरा का

सारण जिले के छपरा में मौजूद तीन सौ साल पुराना डच मकबरा अब इतिहास की धूल से निकलकर सहेजे जाने की ओर बढ़ गया है। बिहार सरकार के पुरातत्व निदेशालय ने इस ऐतिहासिक मकबरे को बिहार प्राचीन स्मारक अधिनियम, 1976 के तहत संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया है। 16 अप्रैल को जारी अधिसूचना के बाद इस मकबरे की अब न सिर्फ मरम्मत और रखरखाव होगा, बल्कि इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।


डच गवर्नर की याद में बना था मकबरा


यह मकबरा 18वीं सदी के डच गवर्नर जौकबस वान हार्न की याद में बनाया गया था। उस दौर में छपरा डच व्यापारियों का प्रमुख ठिकाना था, जहां व्यापार के साथ-साथ जो डच नागरिक काल के गाल में समा जाते, उन्हें यहीं दफनाया जाता था। इतिहास और स्थापत्य की दृष्टि से यह मकबरा एक अनमोल धरोहर है, जो अब सरकारी संरक्षण में रहेगा।


स्थानीयों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी


करिंगा गांव और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों और समाजसेवियों ने वर्षों से इस मकबरे के संरक्षण की मांग उठाई थी। अब जब यह संरक्षित स्मारक घोषित हो चुका है, तो इलाके में उत्साह का माहौल है। लोगों को उम्मीद है कि इससे छपरा का पर्यटन मानचित्र पर स्थान मजबूत होगा और स्थानीय व्यवसाय को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्यों पर रोक


संरक्षित स्मारक घोषित होने के बाद मकबरे के चारों ओर एक निश्चित परिधि तक किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। इसके अलावा मकबरे की मरम्मत, सौंदर्यीकरण और पर्यटक अनुकूल सुविधाओं के लिए अलग से फंड जारी किए जाएंगे।

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