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Bihar News: ईलाज के क्रम में सजायफ्ता कैदी की मौत,, तबियत बिगड़ने के बाद जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल में कराया था भर्ती

Bihar News: कैदी की तबियत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई

Convicted prisoner dies during treatment
सजायफ्ता कैदी की मौत- फोटो : Pravez Mahmood

BIHAR NEWS:सीवान में सोमवार की शाम सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक  सजायफ्ता कैदी की मौत हो गई. मृतक की पहचान गुठनी थाना क्षेत्र के खारिक टोला निवासी अयोध्या प्रसाद यादव के रूप में की गई. घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि बीते 2 वर्ष पूर्व जमीन विवाद को लेकर मारपीट हुई थी.जिसमें प्राथमिकी दर्ज हुआ था और पुलिस अयोध्या प्रसाद यादव और उनके दो पुत्र संतोष यादव और विजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी. इसके बाद तीनों जमानत पर बाहर थे. बीते 5 अक्टूबर को न्यायालय द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई. रविवार की रात्रि 9:00 बजे जेल प्रसाशन द्वारा सूचना मिली कि तबियत खराब है.जिसके बाद अयोध्या प्रसाद यादव को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और जेल प्रशासन ने उन्हें सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया. इसके बाद स्थिति गंभीर देखते हुए सोमवार की सुबह तकरीबन 11:00 बजे सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया. हालांकि प्रसाशनिक अनुमति नही मिलने के कारण परिजन सीवान सदर में ही इलाज करवा रहे थे. जहां सोमवार की संध्या तकरीबन 5:00 बजे उनकी मौत हो गई. इधर मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.

वही कैदी की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजन असमंजस की स्थिति में पड़े रहे.  सदर अस्पताल प्रशासन का कहना था कि कैदी का पोस्टमार्टम पटना में होगा.जबकि परिजन का कहना था कि कैदी की मौत सीवान में हुई है तो सीवान में ही इनका पोस्टमैन कराया जाएगा. लेकिन पोस्टमार्टम नहीं की गई.

हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा न्यायिक हिरासत में हुई मृत्यु की घटना में पोस्टमार्टम करने के संबंध में निर्देश आया है  इसमें निर्देश दिया गया है कि पोस्टमार्टम जांच तीन अलग-अलग संस्थानों के कम से कम तीन डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए .क्योंकि एक ही संस्थान के डॉक्टर कुछ मामलों में बोर्ड में अपने वरिष्ठ सदस्यों से प्रभावित हो सकते हैं. जिससे अन्य सदस्यों की स्वतंत्रता बाधित हो सकती है. इसके साथ ही पोस्टमॉर्टम करने वाले सभी डॉक्टरों के पास फोरेंसिक मेडिसिन में स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए और पोस्टमॉर्टम परीक्षा की विशेषज्ञता में कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए.यह सुविधा यहां उपल्बध नही है. इसलिए सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम संभव नही है. जिलाधिकारी एवं पुलिस को सूचना दे दी गयी हैं.

परवेज महमूद की रिपोर्ट


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