Bihar news: कटिहार के बारसोई में फायरिंग में 2 लोगों की मौत हो गई थी,जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ था. आरोप था कि पुलिस की फायरिंग में दोनों की मौत हुई है. घटना के बाद काफी बवाल मचा था. यह घटना 26 जुलाई 2023 की है. तब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और भाजपा विपक्ष में बैठी थी. गोलीकांड के बाद बिहार की राजनीति में गर्माहट आ गई थी. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बारसोई गोलीकांड की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. तब प्रशासन ने हवाई फायरिंग की बात तो स्वीकार किया था, पर पुलिस फायरिंग में दोनों की मृत्यु होने की बात को सिरे से खारिज किया था. बजाप्ता जिले के डीएम और एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि घटना के पीछे सुनियोजित साजिश है. अब सरकार ने माना है कि एसडीओ की लापरवाही से यह नौबत आई और पुलिस को गोली चलानी पड़ी. नीतीश सरकार ने स्वीकार किया है कि पुलिस ने आत्म रक्षा में हवाई फायरिंग की, जिससे 2 व्यक्ति की मौत और एक व्यक्ति घायल हुआ था.
डीएम-एसपी का दावा निकला झूठा.....
28 जुलाई 2023 को कटिहार के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार और ज़िलाधिकारी रवि प्रकाश की ओर से सीसीटीवी फ़ुटेज जारी किया गया था. बारसोई अनुमंडल कार्यालय परिसर का सीसीटीवी फ़ुटेज जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी ने दावा किया था कि इस घटना को पूरे सुनियोजित तरीक़े से अंज़ाम दिया गया.प्रेस कांफ्रेंस में दोनों अधिकारी ने कहा, "असामाजिक तत्व बारसोई के माहौल को ख़राब करना चाहते थे. पुलिस ने पावर सब स्टेशन के अंदर उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आत्मरक्षा में गोली ज़रूर चलाई थी, लेकिन सोनू और नियाज़ की बॉडी अनुमंडल कार्यालय की बिल्डिंग के आगे मिली थी. पावर सब स्टेशन और अनुमंडल कार्यालय के बीच की दूरी लगभग 200 मीटर है और पुलिस के हथियार का रेंज़ इतना नहीं होता." कहने का मतलब यह था कि पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई है. फ़ायरिंग की इस घटना में 23 साल के सोनू साह और 33 साल के ख़ुर्शीद की मौत हुई थी. तब मृतक के परिजनों ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े किए थे.
तत्कालीन एसडीओ की है प्रशासनिक विफलता- सरकार
बारसोई गोलीकांड में बारसोई के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी राजेश्वरी पांडेय की प्रशासनिक विफलता प्रमाणित हुई है. तत्कालीन एसडीओ मामले की गंभीरता का पूर्वानुमान करने में असफल रहे. अगर वे स्वयं पुलिस पदाधिकारियों के साथ ससमय घटनास्थल पर पहुंचे होते तो शायद भीड़ को उग्र होने से रोका जा सकता था. अनियंत्रित भीड़ होने की वजह से ही पुलिस बल को आत्मरक्षा में हवाई फायरिंग करनी पड़ी. जिसमें दो लोगों की मृत्यु हुई तथा एक व्यक्ति घायल हुआ था. तत्कालीन एसडीओ की इस लापरवाही को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोप वर्ष 2023-24 के लिए निंदन एवं एक वेतन वृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड दिया है .बता दें, बारसोई के तत्कालीन एसडीओ राजेश्वरी पांडेय वर्तमान में पूर्वी चंपारण जिले में एडीएम आपदा प्रबंधन के पद पर पदस्थापित हैं.
26 जुलाई 2023 को हुआ था गोली कांड
दरअसल, कटिहार के जिलाधिकारी ने 3 जुलाई 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग को प्रपत्र-क गठित का रिपोर्ट दिया था. जिसमें कहा गया था कि तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई राजेश्वरी पांडेय के पदस्थापन काल में 26 जुलाई 2023 को कटिहार के बारसोई प्रखंड परिसर स्थित विद्युत उप केंद्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था. इस कार्यक्रम को आरोपित पदाधिकारी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया . ससमय समुचित कार्रवाई नहीं की गई. जिस वजह से विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई. विधि व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी. इस क्रम में गोली लगने से दो प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हुई तथा एक व्यक्ति घायल हो गया था.
तत्कालीन एस़डीओ की प्रशासनिक विफलता
कटिहार जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए आरोप पत्र की सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा समीक्षा की गई. इसके बाद आरोपी एसडीओ राजेश्वरी पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा गया. अनुशासनिक प्राधिकार ने इनके जवाब की समीक्षा की. जिसमें पाया गया की तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई की प्रशासनिक विफळता प्रमाणित हो रही है. मामले की गंभीरता का पूर्वानुमान लगाने में ये विफल रहे. साथ ही घटनास्थल पर अगर ससमय पहुंचे होते तो भीड़ को उग्र होने से रोका जा सकता था.