BIHAR POLICE: मुजफ्फरपुर में नगर थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार के खिलाफ केस डायरी में गलत जानकारी देने का मामला दर्ज हुआ है। सीजेएम कोर्ट ने दारोगा प्रवीण कुमार पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश के तहत, नगर थाने में प्रवीण कुमार और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला उसी थाने में दर्ज किया गया, जहां प्रवीण कुमार वर्तमान में पदस्थापित हैं। मामले की जांच नगर थानेदार शरत कुमार स्वयं करेंगे।
अन्य मामलों के उजागर होने की संभावना
यह केस सदर थाना क्षेत्र के खबड़ा निवासी निखिल कुमार द्वारा दायर परिवाद पर आधारित है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद नगर थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कार्रवाई शुरू होते ही पुलिस विभाग में हलचल मच गई है।
सूत्रों के अनुसार, केस डायरी में हेरफेर के और भी कई मामले सामने आ सकते हैं। ऐसी घटनाओं में लेन-देन और पैरवी के आरोप आम हैं। पुलिस महकमे को पहले से इन गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी।
फर्जी गवाह और साक्ष्य की अनदेखी
परिवादकर्ता निखिल कुमार ने बताया कि 9 फरवरी को कचहरी परिसर में उनकी घेराबंदी कर मारपीट की गई थी। इस घटना की एफआईआर नगर थाने में दर्ज कराई गई थी।
फर्जी गवाही का मामला: जांच अधिकारी प्रवीण कुमार ने खबड़ा पंचायत के वार्ड सदस्य बलिराम कुमार की गवाही केस डायरी में दर्ज की, जबकि इस पंचायत में ऐसा कोई वार्ड सदस्य नहीं है।
मोबाइल लोकेशन साक्ष्य की अनदेखी: घटना के समय आरोपितों के मोबाइल टावर लोकेशन कचहरी परिसर में थे। इसके बावजूद, इन अहम साक्ष्यों को नजरअंदाज कर आरोपितों को राहत देने का प्रयास किया गया।
पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती
इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद, नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। यदि अन्य मामले भी उजागर होते हैं, तो पुलिस प्रशासन को अपनी साख बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाने होंगे।