इश्क तो बस एक अफवाह है, इस दुनिया में किसे किसकी परवाह हैं. पढ़ाई से नजदीकी के चक्कर में हमसे वो शबाब हो गया, आपसे मिले तो इश्क बेपनाह हो गया....गई तो थी मैट्रिक की पढ़ाई करने लेकिन किताबों का ज्ञान भले हीं नहीं ले पाई इश्क की पढ़ाई में पारंगत हो गई. गुरु जी ने रिश्ते को कलंकित किया सो अलग.
ये कहानी है नालंदा के बिंद थाना क्षेत्र के एक गांव की..जहां ट्यूशन पढ़ाते पड़ाते गुरु जी कब शिष्या के प्रेम जाल में फंस गए पता हीं नहीं चला. नजदीकियां बढ़ीं तो एक दूसरे के बिना रहना मुश्कील हो गया. एक दिन शिक्षक मोशाय शिष्या को लेकर फरार हो गए.
छात्रा शिक्षक के साथ किताब खरीदने के लिए बाजार गयी थी, जिसके बाद से वापस नहीं लौटी. परिवार वालों की सूचना पर पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई है .
परिजनों की माने तो शिक्षक गांव में अन्य बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था. उनकी बच्ची अगले साल मैट्रिक की परीक्षा देने वाली थी . युवक गांव का ही रहने वाला था इसलिए बेटी को ट्यूशन पढ़ाने के बुलाया . करीब चार महीने से वह घर आकर पढ़ाया करता था . इसी दौरान शिक्षक और छात्रा के बीच कू प्रेम हो गया इसका पता घर वालों नहीं चला. दोनों साथ जीने मरने की कसमें खाने लगे, परिवार वाले समझते थे कि बेटी पढ़ाई कर रही है.
युवक छात्रा पर शादी का दबाव देने लगा तो घर से भगाने का प्लान बनाया और दोनों शुक्रवार को एक साथ में गांव से किताब खरीदने के बहाने निकल गए. काफी देर तक जब दोनों नहीं लौटे तो परिजन खोजबीन करने लगे मगर दोनो का कुछ पता नहीं चला .
काफी देर तक जब छात्रा और शिक्षक घर नहीं लौटा तो परिजन पुलिस को घटना की जानकारी दी .थानाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि जानकारी मिली है. लिखित आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
बहरहाल इश्क़ तो करना था कलम से, हो गया है गोया गुरुजी से हमको, दर्द ए इश्क़ की गली, फिर से गुज़र के देखते हैं. अब परिवार वाले दोनों को खोज रहे हैं और वे दोनों प्रेम की गली में कहीं वंशी बजा रहे हैं.
रिपोर्ट- राज पाण्डेय