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बिहार के एक चोर की प्रेम कहानी,कभी जेल की दीवार फांद गया तो कभी कस्टडी से हुआ फरार,बीबी की बाहों की तड़प के लिए जब हुआ बेकरार

बिहार के एक चोर की प्रेम कहानी,कभी जेल की दीवार फांद गया तो कभी कस्टडी से हुआ फरार,बीबी की बाहों की तड़प के लिए जब हुआ बेकरार

बिहार के एक चोर की प्रेम कहानी:  ऐ इश्क! तूने क्या क्या न बनाया, किसी को गालिब, किसी को राहत  तो किसी को चोर बनाया.किसी को तलबगार दिलदार का तो किसी को यादों का पहरेदार बनाया. इश्क की एक से एक कहानी दुनिया में मशहुर है,आज एक चोर की प्रेम कहानी, जिसे जेल की उंची दीवार भी मासुका से मिलने से रोक नहीं सकी. चोर मोशाय माशुका के कहने पर जेल की ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गए. कटिहार सहायक थाना पुलिस ने जब जेल से फरार होने के आरोप में चोर जी को धर दबोचा तो इश्क के नशे में मदहोश शातीर चोर साहब  जिनका नाम कैसर खान है ने फिर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए. 

काफी मशक्कत के बाद कटिहार की सहायक थाना पुलिस ने बुद्धू चौक इलाके में पेड़ में छुपे हुए शातीर चोर  कैसर खान को फिर से पुलिस ने  गिरफ्तार कर लिया.

 कटिहार के अमदाबाद थाना क्षेत्र के आबादपुर गांव के रहने वाले चोरी के आरोपी केसर खान पहले जेल से और फिर सहायक थाना से फरार होने की पूरी कहानी विस्तार से बताई. बकौल चोर केसर इश्क के बाद उसने नेपाल में शादी की. उसकी पत्नी ने केसर को बताया था कि वह अगर जल्दी जेल से रिहा नहीं होता है, तो वह फिर से नेपाल लौट जाएंगी और कभी नहीं आएगी.

 अब पत्नी गेसुओं की छांव से चोर दूर होना नहीं चाहता था. हर ज़ख़्म-ए-दिल को हम ने सजाया है इस तरह. जुगनू बना दिया कभी तारा बना दिया. मैं किस ज़बाँ से शुक्र ख़ुदा का अदा करूँ. जिस ने मुझे शैदा बना दिया. इसी कारण से चोर  पहले जेल से और फिर थाना से फरार हुआ था.

बहरहाल पुलिस ने इस शातिर चोर को एक बार फिर से जेल भेज कर चैन की सांस लिया है. तो वहीं पूरे मामले पर  सदर डीएसपी ने बताया कि चोरी के आरोप में केसर पहले से जेल में था इस दौरान वह पहले जेल से फरार हुआ और फिर जब सहायक थाना पुलिस उसे गिरफ्तार किया तो सहायक थाना पुलिस को भी चकमा देकर फरार हो गया था. इन दोनों मामले में कैसर की गिरफ्तारी के बाद दो अलग-अलग मामला दर्ज हुआ है.

बहरहाल चोर के इश्क के किस्से को सुनकर इतना तो कहा हीं जा सकता है सब्र इतना रखो कि इश्क बेहूदा ना बने, खुदा मेहबूब बन जाये...पर मेहबूब खुदा ना बने....

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह


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