Bihar News - विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में रविवार को कठिन चीवर दान समारोह के अवसर पर विशेष लाईटिंग व्यवस्था के तहत प्रकाशोत्सव का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य “उदात्त धर्म को अपना प्रकाश और अपनी शरणस्थली बनने दो। इस दुनिया में सब कुछ अस्थायी है। लेकिन आत्मज्ञान का ज्ञान उदात्त धर्म की सच्चाइयों में और धर्म के अभ्यास में हमेशा मौजूद रहेगा।
सिद्धार्थ गौतम के ज्ञान प्राप्ति के बाद उनके द्वारा प्रेरणा के यह अंतिम शब्द कहे गए थे जो आज भी प्रासंगिक है। भिक्षुओं द्वारा वर्षा ऋतु में तीन महीने की साधना के बाद श्रद्धालुओं द्वारा उनके प्रति आदर, सम्मान समर्पण का विशेष अवसर कठिन चीवर दान का आयोजन होता है। तवातिम्सा हेवन ऑफ 33 में 3 महीने के रेनी रिट्रीट के दौरान माँ रानी माया को भगवान बुद्ध की धर्म शिक्षाओं की याद में 3333 मोमबत्तियों का प्रज्ज्वलन किया गया।
इसमें 22 धर्म ज्योति के रूप में चार आर्यसत्य, आठ अष्टांगीक मार्ग तथा दस परमिता के साथ 21 तारा के प्रतीक मोमबत्तियां जला कर उदघाटन किया गया। बीटीएमसी सदस्यों, भिक्षुओं के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में जी टीवी नेटवर्क पर दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक ड्रामा सीरीज़ “बुद्धा” के रूप में अपनी शक्तिशाली प्रदर्शन भूमिका के लिए प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता हिमांशु सोनी मौजूद थे। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा तिब्बती, पाली एवं संस्कृत में विश्व शांति के लिए सुत पाठ किया गया।
गया से संतोष की रिपोर्ट