BPSC Exam : 70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शुक्रवार को कहा कि वे भी मानते हैं परीक्षा में अनियमितता हुई है. उन्होंने पूरी परीक्षा दोबारा कराने की मांग करते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए. किसी भी परीक्षार्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए चिराग ने 70वीं बीपीएससी में अभ्यर्थियों की शंकाओं का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि एक केंद्र की परीक्षा को रद्द कर री एग्जामिनेशन किया गया. यह एक गलत परम्परा की शुरुआत है. परीक्षा पूरी रद्द होनी चाहिए.
दरअसल, उनसे पूछा गया था कि पटना में प्रशांत किशोर ने बीपीएससी के मुद्दे पर अनशन तोड़ते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर सवाल उठाया. चिराग ने कहा कि पीके ने जिस मुद्दे को लेकर अनशन किया वे भी उसका समर्थन करते हैं. बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. पटना के जिस एक केंद्र की परीक्षा में अनियमितता की शिकायत आई वहां की परीक्षा रद्द की गई. उस परीक्षा को 22 केन्द्रों पर आयोजित किया गया. यह स्पष्ट है कि वहां परीक्षा में धांधली हुई थी. लेकिन सिर्फ एक केंद्र की परीक्षा को रद्द करने से यह एक गलत परम्परा की शुरुआत है.
चिराग के परिवार के लोग भी दिए परीक्षा
चिराग पासवान ने कहा कि उनके परिवार के लोगों ने भी बीपीएससी परीक्षा दी थी. उन्होंने बताया कि एक परीक्षा कक्ष में जितने अभ्यर्थी थे उतने प्रश्न पत्र नहीं बांटे गए थे. इतना ही नहीं परीक्षा खत्म भी नहीं हुई और प्रश्न पत्र लेकर हंगामा करते छात्र बाहर आ गए. अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर देखे गए इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और जितने भी बच्चे हैं सबके दोबारा एग्जाम कराए जाना चाहिए. यह कन्फर्म है कि पेपर लीक हुआ है.
क्या है 70वीं बीपीएससी परीक्षा मामला
13 दिसम्बर को बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवाओं के लिए 70वीं बीपीएससी परीक्षा आयोजित की थी. पटना केंद्र पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें समय पर प्रश्न पत्र नहीं दिया गया. प्रश्न पत्र की संख्या अभ्यर्थियों के अनुरूप कम होने की बात जिलाधिकारी ने भी मानी. बाद में पटना केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी गई और 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा हुई. हालाँकि बीपीएससी अभ्यर्थियों ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. जनसुराज के प्रशांत किशोर ने भी उनके समर्थन में अनशन किया. इस दौरान अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला भी सामने आया. अब पटना हाई कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.