Vidhansabha Election : लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे हैं. लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे भाजपा की बैसाखी के सहारे ही लोजपा को नई पहचान और विस्तार देना चाहते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के उम्मीदवार को देख कर तो यही कहा जाएगा.
दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में 68 सीटों पर भाजपा चुनाव में उतरी है. वहीं एक सीट जदयू के लिए जबकि एक सीट लोजपा (रामविलास) को दी है. इसमें चिराग पासवान के लोजपा (रामविलास) से देवली सीट से दीपक तंवर वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया गया है.
कौन हैं दीपक तंवर वाल्मीकि
दिल्ली विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) के टिकट पर चुनाव में उतरे दीपक तंवर वाल्मीकि की पहचान भाजपा नेता के तौर पर रही है. वे पिछले लम्बे अरसे से दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ सियासी रूप से सक्रिय रहे हैं. हालाँकि चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी उम्मीदवार बनाते हुए कहा कि दीपक तंवर दशकों से मेरे और मेरे परिवार के विचारों के साथ जुड़े रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि ये बड़े अंतर से जीतेंगे. वहीं सियासी जानकारों का कहना है कि दीपक तंवर वाल्मीकि एक तरह से लोजपा के सिंबल पर भाजपा नेता के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं.
जदयू ने उतारा अपना उम्मीदवार
हालाँकि चिराग से उलट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने पुराने नेता को पार्टी का टिकट दिया है. नीतीश की पार्टी जदयू ने बुराड़ी से शैलेन्द्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है. वे जदयू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में जहां जदयू ने अपने दल के लोकप्रिय चेहरे को उम्मीदवार बनाया तो लोजपा के लिए अपना चेहरा ढूंढने की चुनौती रही. नतीजा रहा कि दीपक तंवर जो पिछले कई वर्षों से भाजपा के लिए काम करते रहे हैं उन्हें टिकट दे दिया.
दीपक ने बताया भाजपा का नेता
दीपक तंवर वाल्मीकि ने एक्स पर खुद को दिल्ली भाजपा का नेता बताया है. वह बॉलीवुड की एक फिल्म के प्रड्यूसर भी रहे हैं. अपने सोशल मीडिया पर शुरू से वे भाजपा के सक्रिय सदस्य के रूप में पोस्ट करते रहे हैं. 2 दिसम्बर को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के जन्मदिन पर एक बधाई संदेश में उन्होंने खुद को इसी रूप में पेश किया है. ऐसे में चिराग पासवान ने भले ही दिल्ली चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा हो लेकिन वे आम लोगों के बीच पहचान के तौर पर भाजपा के चेहरे ही माने जा रहे हैं.
लोजपा को मिलेगा फायदा
सियासी जानकारों का कहना है कि चिराग पासवान ने सोची समझी रणनीति के तहत दीपक तंवर वाल्मीकि को टिकट किया है. इसका एक बड़ा कारण दीपक की देवली के इलाके में पुरानी सक्रियता रही है. वे भाजपा नेता के तौर पर पिछले कई साल से यहाँ सक्रिय हैं. ऐसे में अब लोजपा (रा) के टिकट पर उतरने से उनकी पुरानी पहचान का फायदा चिराग को होगा. वहीं भाजपा ने भी एक सोची-समझी रणनीति के तहत चिराग की मांग भी मान ली और अपने नेता को उम्मीदवार भी बनवा दिया.