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Bihar Vidhansabha election : लालू-तेजस्वी के सामने राहुल गांधी का सरेंडर ! बिहार विधानसभा चुनाव में बिना राजद के कांग्रेस की राह बेहद मुश्किल

बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों बिहार आते ही राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की. सियासी रूप से यह बेहद अहम मुलाकात रही क्योंकि इसके दूरगामी असर चुनाव में देखने को मिल सकते हैं.

 Lalu Tejaswi rahul
Lalu Tejaswi rahul - फोटो : news4nation

Bihar Vidhansabha election : राजनीति में मुलाकातों का बेहद महत्व होता है. वहीं सियासी मुलाकातों में कई संदेश भी छिपे होते हैं. 18 जनवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक दिवसीय दौरे पर बिहार आए तो पटना में लालू परिवार से हुई उनकी मुलाकात भी कई संदेश को छोड़ गई. विशेषकर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी से सक्रिय हो चुकी कांग्रेस ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती जिससे पार्टी को कोई बड़ा नुकसान हो. 


कांग्रेस के लिए बिहार के आंकडे बताते हैं कि राज्य में उसकी सियासी जमीन बेहद चुनौतीपूर्ण है. पिछले कई चुनावों में यह देखने को मिला है कि कांग्रेस के लिए बिहार में तभी सफलता मिली है जब वह लालू यादव के साथ रहे. अकेले चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए फायदेमंद सौदा नहीं साबित हुआ है. 


राजद संग कांग्रेस मजबूत 

आंकडे बताते हैं कि बिहार में कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर रही है. कांग्रेस ने राजद से अलग होकर फरवरी 2005 का विधानसभा चुनाव लड़ा तो सिर्फ 10 सीटों पर सफलता मिली. इसी तरह विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने पर कांग्रेस सिर्फ 4 सीटों पर सिमट गई. इसके अलग राजद के साथ विधानसभा चुनाव लड़ते हुए 2015 में कांग्रेस को 27 सीटों पर सफलता मिली जबकि 2020 में 19 सीट जीतने में कांग्रेस सफल रही. ऐसे में कांग्रेस का राजद के साथ रहना उसके लिए रास आते रहा है. 


लालू-तेजस्वी ने कांग्रेस की बढ़ाई चिंता 

तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों कहा था कि विपक्ष का इंडिया गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था. लालू यादव ने तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के उस बयान का समर्थन किया था जिसमें उन्होंने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की बात कही थी. लालू-तेजस्वी के इन बयानों से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था. यह बिहार विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती भी रही कि वह इंडिया गठबंधन को एकजुट रखने और खासकर बिहार में एनडीए से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एक साथ रखे. 


लालू के सहारे दूरगामी फायदा 

लालू यादव देश के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं जो विपक्ष के कई नेताओं से अच्छे सम्बन्ध रखते हैं. ऐसे में इंडिया गठबंधन को एकजुट रखने के लिए ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार, स्टालिन जैसे नेताओं संग बेहतर मध्यस्थता करने में लालू की अपील कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. माना जा रहा है कांग्रेस नेता राहुल गाँधी बिहार के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर लालू यादव को साथ रखकर विपक्ष को एकजुट रखने के लिए बड़ा संदेश देना चाहते हैं. 


विपक्ष को एकजुट रखने की चुनौती 

राहुल ने पटना आते ही पहले तेजस्वी यादव और फिर शाम में राबड़ी आवास जाकर लालू यादव से मुलाकात कर कांग्रेस और राजद के रिश्तों को बरकरार रखने का संदेश देने की कोशिश की. लालू-तेजस्वी के हाल के बयानों से ऐसा लगने लगा कि कांग्रेस से राजद अलग होकर चुनाव लड़ सकती है. इससे बिहार में वोटों का बंटवारा होता. सियासी जानकर कहते हैं कि राहुल ने एनडीए के खिलाफ विपक्ष को एक साथ रखने और वोटों के बिखराव को रोकने के लिए राबड़ी आवास जाकर लालू से मुलाकात की. भले ही अभी सीट बंटवारे पर बात नहीं हुई हो लेकिन यह भविष्य में दोनों दलों के साथ रहने का संदेश जरुर बन गया.

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