Bihar Crime:वन विभाग संविदाकर्मी की संदिग्ध मौत से भड़की भीड़, शव रखकर सड़क जाम, हत्या का आरोप
Bihar Crime: विजयदशमी की रौनक के बीच इलाका मातम और गुस्से में डूब गया।

Bihar Crime: विजयदशमी की रौनक के बीच इलाका मातम और गुस्से में डूब गया। गया जी मेडिकल थाना क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग में कार्यरत संविदाकर्मी दीपक चौधरी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मौत की खबर फैलते ही परिजन और स्थानीय लोग भड़क उठे और सिकरिया मोड़ पर शव रखकर घंटों तक सड़क जाम कर दिया।
भीड़ का आरोप है कि दीपक की हत्या पीट-पीटकर की गई है। गुस्से से उफनती भीड़ इस कदर बेकाबू हुई कि मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को समझाने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी। हालात इतने बिगड़े कि इस दौरान खबर कवर कर रहे एक कैमरामैन की भी पिटाई कर दी गई।
डीएसपी धर्मेंद्र भारती ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि परिजन हत्या की बात कह रहे हैं, मगर शव पर कोई बड़ा बाहरी जख्म नहीं पाया गया है। मृतक को मगध मेडिकल अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असल कारण साफ होगा।
मृतक के बड़े भाई अरुण चौधरी ने आरोप लगाया कि शाम करीब 5 बजे वन विभाग के कर्मचारियों ने सूचना दी कि दीपक की तबीयत बिगड़ गई है और उसे अस्पताल ले जाया गया है। लेकिन जब परिजन पहुंचे, तब तक दीपक की मौत हो चुकी थी। अरुण का कहना है कि विभाग के कर्मचारी मोबाइल बंद कर फरार हो गए और कोई भी मौके पर मौजूद नहीं है।
परिजनों का आरोप यह भी है कि दीपक को नौकरी किए हुए अभी आठ महीने ही हुए थे। उसे महज़ 11 हजार रुपये वेतन मिलता था और छुट्टी न देने को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था। वह पौधों की देखभाल के साथ-साथ टिकट काउंटर पर भी ड्यूटी करता था।
इधर, शव सड़क पर रखे होने से सिकरिया मोड़ पर लंबा जाम लग गया। दशहरा की भीड़भाड़ में अफरातफरी मच गई। पुलिस कागजी कार्रवाई और परिजनों को समझाने में जुटी रही।
फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव और मातम का माहौल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि दीपक की मौत बीमारी से हुई या फिर सचमुच हत्या का शिकार बना।
रिपोर्ट- मनोज कुमार