Gaya Ji OTA: OTA पासिंग आउट परेड 2025! गया जी से 207 कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल, स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजे गए कुलथे ध्रुव
Gaya Ji OTA: ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में पासिंग आउट परेड के दौरान 207 कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल हुए। कुलथे ध्रुव को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर मिला, जबकि अन्य कैडेट्स को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

Gaya Ji OTA: गया जी स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल) कोर्स के पुरुष और महिला कैडेट्स की दूसरी पासिंग आउट परेड (POP) संपन्न हुई। इस परेड में 207 युवा ऑफिसर कैडेट्स ने भाग लिया।इनमें 184 पुरुष और 23 महिला कैडेट्स शामिल थे। अंतिम पगसे गुजरते हुए कैडेट्स ने अपने प्रशिक्षण का समापन और नए सैन्य जीवन की शुरुआत की।इस अवसर पर OTA परिसर अनुशासन, शौर्य और गौरव की भावना से गूंज उठा। परेड का निरीक्षण लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेंट्रल कमांड ने किया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स का सम्मान
पासिंग आउट परेड के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया गया:
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर: बटालियन अंडर ऑफिसर कुलथे ध्रुव (9 ग्रेनेडियर्स में कमीशन)
स्वर्ण पदक: अकादमी कैडेट एडजुटेंट मोनू कुमार (11 जाट में कमीशन)
रजत पदक: अकादमी अंडर ऑफिसर पियूष डिमरी
कांस्य पदक: बटालियन अंडर ऑफिसर मुक्ता सिंह
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: कालिधार कंपनी को प्रदान किया गयायह सम्मान उन कैडेट्स की कड़ी मेहनत, अनुशासन और अदम्य साहस का प्रतीक है।
युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि
भारतीय सशस्त्र बलों की परंपरा के अनुसार, परेड के बाद युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई।लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता और वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किया।यह क्षण सभी उपस्थित लोगों के लिए भावुक और गर्व से भरा हुआ रहा।
पिपिंग सेरेमनी: एक भावुक क्षण
POP के बाद हुई पिपिंग सेरेमनी कैडेट्स और उनके परिवारों के लिए सबसे खास रही।कड़ी मेहनत और अनुशासन का फल तब मिला जब उनके कंधों पर ऑफिसर के सितारे लगाए गए।इस अवसर पर अकादमी एडजुटेंट लेफ्टिनेंट कर्नल प्रखर धगत ने नए अधिकारियों को राष्ट्र सेवा की शपथ दिलाई।यह क्षण परिवारों के लिए गर्व और कैडेट्स के लिए नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
भारतीय सेना के लिए क्या मायने रखता है यह POP?
OTA की पासिंग आउट परेड सिर्फ एक समारोह नहीं बल्कि भारतीय सेना के लिए नए अधिकारियों के संकल्प और त्याग की शुरुआत है।यह युवा अधिकारी आधुनिक युद्धक चुनौतियों से निपटने में सेना की रीढ़ साबित होंगे।महिलाओं की बढ़ती भागीदारी सेना में जेंडर बैलेंस और नई ऊर्जा का प्रतीक है।