ठंड से बचने के लिए कमरे में जलाई बोरसी, दम घुटने से दादी और 4 माह की पोती की मौत, बहू की हालत गंभीर

बिहार के गया में ठंड से बचने के लिए कमरे में बोरसी जलाकर सोना दादी-पोती के लिए काल बन गया। दम घुटने से दोनों की मौत हो गई, जबकि मां की हालत बेहद गंभीर है।

ठंड से बचने के लिए कमरे में जलाई बोरसी, दम घुटने से दादी और

Gayaji - बिहार के गया जिले से एक अत्यंत हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कमरे में अंगीठी (बोरसी) जलाकर सोना एक ही परिवार के दो सदस्यों के लिए जानलेवा साबित हुआ। बंद कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भरने के कारण दम घुटने से दादी और उनकी महज चार महीने की पोती की मौके पर ही मौत हो गई। 

खिड़की-दरवाजे बंद कर सो रहा था परिवार

परिजनों ने बताया कि ठंड का प्रकोप अधिक होने के कारण शनिवार की रात घर के एक कमरे में तीन-चार बोरसी जला दी गई थीं। गर्मी बनी रहे, इसलिए कमरे के खिड़की और दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए गए थे। उसी कमरे में रेखा मालाकार, उनकी बहू रूपा मालाकार और चार महीने की मासूम पोती आरोही सो रहे थे। रात भर कमरे में धुआं और जहरीली गैस भरती रही। 

दरवाजा तोड़ा तो सामने आया खौफनाक मंजर

रविवार सुबह जब काफी देर तक कमरे से कोई हलचल नहीं हुई, तो परिजनों को चिंता हुई। आवाज देने पर भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिलने पर परिवार वालों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर जाते ही सबके होश उड़ गए; दादी रेखा और नन्हीं आरोही बेजान पड़ी थीं, जबकि बहू रूपा अचेत अवस्था में थी। रूपा को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। 

पूरे गांव में मातम, परिजनों का बुरा हाल

इस घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है और पीड़ित परिवार में चीख-पुकार मची है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, उन्होंने पुलिस से मृतकों का पोस्टमार्टम न कराने का अनुरोध किया है। गांव के लोग इस हृदयविदारक हादसे से स्तब्ध हैं और पूरे इलाके में शोक की लहर है। 

ठंड में बोरसी इस्तेमाल करने वालों के लिए चेतावनी

पुलिस प्रशासन ने इस घटना पर दुख जताते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कमरे में कोयला या लकड़ी जलाकर सोने से ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और जहरीली गैसें जान ले सकती हैं। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और ग्रामीणों को जागरूक रहने की सलाह दी गई है।