Indian Railways: गया-किऊल लाइन पर इन ट्रेनों में इंजन बदलने का झंझट खत्म, सफर होगा तेज और झटकों से मिलेगी राहत
गया-किऊल रेलखंड पर यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब इस रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को मेमू (MEMU) रैक से चलाया जाएगा, जिससे यात्रियों का सफर तेज और आरामदायक होगा।

गया-किऊल रेलखंड पर अब यात्रियों को राहत की सौगात मिलने जा रही है। इस रूट पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन अब मेमू रैक से होगा, जिससे इंजन बदलने का झंझट खत्म होगा और यात्रियों को तेज और आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।
मेमू रैक की क्या है खासियत?
मेमू रैक (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) में कोच में पहले से ही पावर इंजन लगे होते हैं, जिससे स्टेशन पर गंतव्य तक पहुंचने के बाद इंजन बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। पहले इस रूट पर आईसीएफ रैक चलती थी, जिसमें ट्रेनों के गंतव्य तक पहुंचने के बाद इंजन बदला जाता था। इससे समय की बर्बादी होती थी और यात्रियों को झटके भी लगते थे। अब मेमू रैक से सफर में न सिर्फ स्पीड बढ़ेगी, बल्कि झटके भी कम लगेंगे, जिससे सफर और आरामदायक हो जाएगा।
कौन सी ट्रेनें मेमू रैक से संचालित होंगी?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब गया-किऊल रेल खंड पर इन ट्रेनों में मेमू रैक से यात्रा की जा सकेगी। ट्रेन संख्या 53632 गया-झाझा पैसेंजर अब नए नंबर 63316 मेमू रैक से चलेगी। ट्रेन संख्या 53634 गया-किऊल पैसेंजर अब नए नंबर 63322 मेमू रैक से चलेगी। ट्रेन संख्या 53636 गया-किऊल पैसेंजर अब नए नंबर 63324 मेमू रैक से चलेगी।
दोहरीकरण के बाद बढ़ी सुविधाएं
गया-किऊल रेल खंड पर हाल ही में दोहरीकरण का काम पूरा हुआ है। अब दोनों लाइनों (अप और डाउन) पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। इस दोहरीकरण से ट्रेनों की गति बढ़ेगी और समय की बचत होगी। साथ ही मेमू रैक के परिचालन से यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ यात्रा का अनुभव मिलेगा।
तेज गति और समय की बचत
मेमू रैक से चलने वाली ट्रेनों की गति अधिक होती है, जिससे यात्रियों का समय बचेगा और ट्रेनें समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगी। इंजन बदलने की प्रक्रिया खत्म होने से यात्रियों को अब समय की बर्बादी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मेमू रैक से यात्रा के दौरान झटके कम लगेंगे और ट्रेन की गति भी बढ़ेगी। इस फैसले से दैनिक यात्रियों को काफी फायदा होगा। खासकर उन लोगों को जो रोजाना गया-किऊल रूट पर यात्रा करते हैं।