शराबबंदी पर अपनी ही सरकार को घेरा: मांझी बोले—'बड़े अधिकारियों और माफियाओं को पकड़ने में दम नहीं, गरीबों को जेल भेजना न्याय नहीं

जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी की मंशा सही है, लेकिन इसकी मार केवल गरीबों पर पड़ रही है, जबकि बड़े माफिया और अधिकारी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। मांझी ने बिहार में भी गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लागू करने की मांग की है

शराबबंदी पर अपनी ही सरकार को घेरा: मांझी बोले—'बड़े अधिकारिय
शराबबंदी पर मांझी ने उठाए सवाल- फोटो : मनोज कुमार

Gayaji - केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा को लेकर वहां के शासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की सरकार की पहली जिम्मेदारी अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है और यदि वहां हिंदू असुरक्षित हैं, तो यह सीधे तौर पर शासन की विफलता है। मांझी ने जोर देकर कहा कि जिस तरह भारत में अल्पसंख्यक भाईचारे के साथ रह रहे हैं, उसी तरह बांग्लादेश की अवाम को भी आगे आकर हिंदू समुदाय की रक्षा करनी चाहिए।

भारत सरकार की चिंता और कूटनीतिक कदम

मांझी ने जानकारी दी कि सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में बिगड़ती स्थिति को लेकर भारत ने अपनी गहरी चिंता जताई है और यह स्पष्ट किया है कि जब किसी समुदाय को चुन-चुनकर निशाना बनाया जाए, तो यह केवल एक देश का आंतरिक मामला नहीं रह जाता। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस मुद्दे पर दबाव बनाने की अपील की है।

शराबबंदी कानून पर नीतीश सरकार को घेरा


बिहार में शराबबंदी को लेकर भी मांझी का रुख बेहद सख्त दिखा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा को सही बताते हुए इसके कार्यान्वयन (Implementation) पर गंभीर सवाल खड़े किए। मांझी ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में केवल गरीब और आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जो थोड़ी मात्रा में शराब के साथ पकड़े जाते हैं।

अधिकारियों और माफियाओं पर कार्रवाई की मांग

मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शराबबंदी कानून के तहत जेल जाने वाले 50% से अधिक लोग गरीब तबके के हैं। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि असली परीक्षा तब होगी जब शराब पीने वाले बड़े अधिकारियों और शराब माफियाओं पर हाथ डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटे लोगों को पकड़कर डेटा दिखाना अपनी पीठ थपथपाने जैसा है, जबकि असली दोषी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।

गुजरात मॉडल लागू करने का सुझाव

जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी को और अधिक प्रभावी और व्यवहारिक बनाने के लिए गुजरात मॉडल का उदाहरण दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि बिहार में भी गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लागू किया जाना चाहिए ताकि किसी को अनावश्यक परेशानी न हो और कानून का उद्देश्य भी पूरा हो सके।

रिपोर्ट - मनोज कुमार