GAYA : ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में मंत्री बिहार सरकार डॉ० प्रेम कुमार, विधायक टेकारी/ बोधगया/ अतरी/ इमामगंज/ बाराचट्टी/ बेलागंज, एमएलसी कुमुद वर्मा, ज़िला परिषद अध्यक्ष, बीस सूत्री के उपाध्यक्ष सह बीजेपी के जिला अध्यक्ष/ जेडीयू के जिला अध्यक्ष सहित अन्य सम्मानित सांसदगण के प्रतिनिधिगण/ विधायकगण के प्रतिनिधियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों की सड़को संबंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा आज की आयोजित बैठक में मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग अशोक चौधरी को पुष्पगुच्छ देकर उनका हार्दिक स्वागत किया गया। तत्पश्चात अन्य सभी आगत मंचासीन ज़िले के विधायकगणों को हार्दिक स्वागत किया है। ज़िला पदाधिकारी ने ग्रामीण सड़को संबंधित ज़िले की प्रगति संबंधित विस्तार से अवगत करवाया गया। ज़िला पदाधिकारी गया ने कहा कि ग्रामीण सड़के ग्रामीण विकास का प्रमुख घटक है तथा सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण अवयव है। अतएव ग्रामीण सड़क के रूप में विशाल सृजित परिसम्पतियों को क्षरण से बचाया जाना राज्य का मुख्य उद्देश्य रहा है।
बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन निर्मित एवं पंचवर्षीय रूटिन अनुरक्षण / डिफेक्ट लाइबिलिटी अवधि से बाहर हुए / बाहर होने वाले सभी ग्रामीण पथों के नियमित एवं व्यवस्थित पुनर्निमाण / उन्नयन / नवीनीकरण हेतु मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत एक नए अवयव के रूप में "ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को दिनांक 14.11.2024 को मद संख्या-3 के रूप में लागू करने का निर्णय बिहार मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत गया जिला के 718 पथों जिसकी लम्बाई 1400.39 कि०मी० एवं प्राक्कलित राशि 106352.240 लाख रूपये है, की स्वीकृति दी जा चुकी है। दिनांक 31.03.2024 के बाद जो भी पथ पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हो चुका है, जनहित में निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही उक्त सभी सड़कों का चयन कर स्वीकृति दी जायेगी। साथ हीं वैसे पथ जो अतिमहत्वपूर्ण है, उसे भी चयन कर स्वीकृत किया जायेगा। इस योजना के क्रियान्वयन होने के उपरान्त बिहार के आमजनों के खुशहाली एवं मुख्यमंत्री बिहार का सपना साकार होगा। सभी पथों की निविदा प्रकाशन की कार्रवाई एक सप्ताह के भीतर की जायेगी एवं मार्च के अंतिम सप्ताह तक सभी पथों के पैकेजवार की गयी निविदा का निष्पादन करने का लक्ष्य है। निविदा निष्पादन के उपरान्त 30 जून तक सभी पथों को पैच पोत रहित करना है तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में कालीकरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पथ के कालीकृत भाग पर दो बार कालीकरण किए जाने का प्रावधान है जिसमें पथों का दीर्घकालीन अवधि अर्थात 07 वर्षों तक मानक के अनुरूप राइडिंग क्वालिटी रखा जायेगा। इसके सत्त ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट (0&M) हेतु संवेदक को रैपिड रोड रिपेयर व्हीकल रखने की अनिर्वायता हो गयी है। इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान संवेदक के हितों का भी काफी ध्यान रखा गया है जिसके तहत उनके द्वारा कार्य करने के उपरान्त भुगतान 21 दिनों के भीतर सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना- ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सम्पर्कता हेतु ग्रामीण पथों पर छुटे हुए पुल/पहुँच पथ इत्यादि का निर्माण हेतु पूर्व में मुख्यमंत्री सेतु योजना लागू था। जिस योजना को बाद के वर्षों में बन्द कर दी गई थी। पुनः लगभग 09 वर्ष वाद मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना की शुरूआत की गई है। इसके अन्तर्गत योजनाओं की स्वीकृति जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग द्वारा की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत वर्त्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में गया जिला के गया, इमामगंज, नीमचकबथानी, शेरधाटी एवं टेकारी में 32 पुलों के निर्माण कार्य हेतु विस्तृत प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है, जिसमें लगभग 12136 लाख लागत आएगा। वर्तमान में ग्रामीण कार्य विभाग से 100 मीटर से उपर का भी पुल निर्माण कार्य कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजनाः- मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजनान्तर्गत ग्रामीण पथों का राज्य कोर-नेटवर्क के आधार पर 250 या 250 से अधिक आबादी वाले टोलों/बसावटों को एकल सम्पर्कता प्रदान करने का कार्यक्रम है। इस योजना के अन्तर्गत कुल 851.89 कि०मी० पथों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। बिहार राज्य में 100 या इससे अधिक आबादी वाले अनजुड़े बसावटों / टोलों को बारहमासी एकल सम्पर्कता हेतु मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष) प्रारम्भकी गयी है। इस योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में गया जिला के गया, इमामगंज, नीमचक बथानी, शेरघाटी एवं टेकारी प्रमण्डल में 25787.026 लाख की लागत से लगभग 230.833 कि0मी0 पथों के निर्माण से लगभग 238 बसावटों को सम्पर्कता प्रदान करने का लक्ष्य है। विभिन्न योजनाओं से राज्याधीन सभी योग्य टोलों एवं बसावटों को सम्पर्कता देने की कार्रवाई की जा रही है। राज्याधीन सभी टोलों एवं बसावटों को सम्पर्कता प्राप्त होने से हीं राज्य के किसी सूदुरवर्ती क्षेत्र से अधिकतम 05 घंटे में राज्य की राजधानी पटना पहुँचने के राज्य सरकार की मंशा साकार होगी। राज्य के खजाने पर पहला हक राज्य के पीड़ित एवं वंचित लोगों का है। अतएव इन्हें सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम का लाभ भी पहले मिलना चाहिए। इन सभी परियोजनाओं के निर्माण से यहाँ के ग्रामीणों को जीवन में खुशहाली एवं जीवन स्तर बेहतर होगा।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल परिसर में बने सुपर स्पेसलिस्ट अस्पताल के पीछे वाली मुख्य सड़क जो सीधे चपरदह से जोड़ती है वह सड़क काफी खराब स्थिति में है, वह सड़क नगर निगम की है। मंत्री ने जिला पदाधिकारी को कहा कि नगर निगम से एनओसी प्राप्त करते हुए उक्त सड़क को ग्रामीण कार्य विभाग में हस्तांतरित करते हुए तेजी से ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़क बनायी जाएगी। वजीरगंज आयुर्वेदिक कॉलेज जाने वाली सड़क जो जर्जर है, उसे भी तेजी से बनवाने की बात कही गयी। समीक्षा बैठक में विधायक बोधगया ने बताया कि दुमरिचट्टी से डुडुवारग सड़क जर्जर है। बाराचट्टी विधायक ने बताया कि बिबिपेसरा जीटी रोड 02 से बजारगंज तक सड़क खराब है साथ ही कहूदाग से गोखला नदी के समीप पुलिया निर्माण कराने की बात कही। विधायक बेलागंज मनोरमा देवी ने मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि बेलागंज में सड़क एवं फुल पुलिया का जाल बिछाने का कार्य किया गया है। उन्होंने बेलहाड़ी ग्राम में पोखरा के समीप पुलिया निर्माण की मांग किया है। इसके अलावा कोरमथु पंचायत में चिरमीची बीघा में पुलिया की मांग किया है।
मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंता को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करते हुए छुटे हुए सड़को की लिस्ट प्राप्त करे, ताकि सड़के बनाई जा सके। मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग ने ज़िला पदाधिकारी गया को कहा कि ज़िले के सभी पंचायत सरकार भवन में राज्य स्तर से संचालित ग्रामीण सड़कों संबंधित मोबाइल ऐप पर शिकायत प्राप्ति की सुविधा रखी गई है, जिसे सभी पंचायत सरकार भवन पर प्रदर्शित करवाए ताकि आम जनमानस इसका लाभ लेते हुए मोबाइल एप्लीकेशन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंता/ सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता को स्पष्ट निर्देश दिया कि नियमित रूप से अपने क्षेत्रों की सड़को की जांच फील्ड में घूम घूम कर करते रहे। बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता राजस्व, ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता विकास शाखा, ग्रामीण कार्य विभाग गया ज़िला के सभी कार्य प्रमण्डल के कार्यपालक अभियंता/ सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता उपस्थित थे।
गया से मनोज की रिपोर्ट