सालों से फंसी जमीनों के खरीद-बिक्री पर रोक हटी , 3 खाता-खेसरा रोक सूची से विमुक्त , डीएम ने दिए सख़्त निर्देश

Bihar Land News: ज़मीन विवाद और रोक सूची की लंबी बेड़ियों में जकड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है। जिला पदाधिकारी गया, शशांक शुभंकर ने तीन पुरानी जमीनों को रोक सूची से मुक्त कर दिया।

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सालों से फंसी जमीनों के खरीद-बिक्री पर रोक हटी- फोटो : reporter

Bihar Land News: ज़मीन विवाद और रोक सूची की लंबी बेड़ियों में जकड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है। जिला पदाधिकारी गया, शशांक शुभंकर ने मंगलवार को तीन पुरानी जमीनों को रोक सूची से मुक्त कर दिया। इन जमीनों पर वर्ष 2011-12 और 2014-15 से खरीद-बिक्री पर रोक लगी थी।

डीएम ने बताया कि जांचोपरांत पाया गया कि ये जमीनें किसी भी सरकारी अधिग्रहण, न्यायालयीय वाद या सीलिंग प्रकरण से मुक्त हैं। लिहाज़ा इन्हें रोक सूची से हटा दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने जिला अवर निबंधन पदाधिकारी और सभी डीसीएलआर को निर्देश दिया कि लंबित फाइलें तुरंत प्रस्तुत की जाएं, ताकि आम जनता को बेवजह दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।

जब किसी जमीन पर संदेह होता है कि वह सरकारी है, भू-अर्जन में गई है या न्यायालय में मामला लंबित है, तो उसे रोक सूची में डाल दिया जाता है। तब तक उसकी रजिस्ट्री या खरीद-बिक्री पर रोक लग जाती है। जिला स्तर की एक समिति – जिसमें एडीएम (राजस्व), अवर निबंधक, डीसीएलआर और अंचल अधिकारी शामिल होते हैं – जांच कर यह तय करती है कि जमीन वास्तव में रैयती है या नहीं। अगर जमीन विवाद-मुक्त पाई जाती है तो रोक हटा दी जाती है।

विमुक्त हुई तीन जमीनें

हरिओ मौजा, चंदौती अंचल – वजीर यादव व विश्वनाथ यादव की ज़मीन (2012 से रोक में)

दुबहल मौजा, चंदौती अंचल – मनीष कुमार की ज़मीन (2015 से रोक में)

बरेव मौजा, मानपुर अंचल – उदित नारायण सिंह की ज़मीन (2012 से रोक में)

डीएम शुभंकर ने कहा कि पिछले दो महीनों में 80 से अधिक मामलों को रोक सूची से मुक्त किया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख़्त निर्देश दिया कि जांच-पड़ताल की रफ्तार बढ़ाई जाए और जो भी ज़मीनें असल में रैयती और विवादमुक्त हैं, उन्हें जल्द से जल्द रोक सूची से हटाकर आम लोगों को राहत दी जाए।

रिपोर्ट- संतोष कुमार