Bihar News : महाबोधि महाविहार के विदेशी दान पर लगा ब्रेक हटा, 33 देशों की करेंसी अब बैंक में होगी जमा
GAYAJI : विश्व प्रसिद्ध महाबोधि महाविहार को मिलने वाले विदेशी दान के उपयोग पर लंबे समय से चला आ रहा गतिरोध अब समाप्त हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FEMA) शाखा से स्पष्ट आदेश प्राप्त होने के बाद, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की बोधगया शाखा ने विदेशी मुद्रा स्वीकार करना शुरू कर दिया है। इस सकारात्मक कदम से बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (BTMC) को बड़ी राहत मिली है, जिससे मंदिर के कोष में जमा करोड़ों की विदेशी मुद्रा अब अधिकृत रूप से भारतीय मुद्रा में परिवर्तित हो सकेगी।
बीटीएमसी ने हाल ही में एसबीआई में 33 देशों की विदेशी मुद्रा जमा कराई है, जो महाविहार परिसर और कार्यालय की दान पेटियों से प्राप्त हुई थी। दान देने वाले देशों में म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम के श्रद्धालुओं का योगदान सबसे अधिक रहा। इसके अतिरिक्त अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, चीन और यूरोपीय देशों सहित कुल 33 देशों के पर्यटकों ने महाबोधि महाविहार के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए खुलकर दान दिया है।
दान के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक म्यांमार की मुद्रा 'क्यात' प्राप्त हुई है, जिसकी भारतीय कीमत लगभग 21.26 लाख रुपये है। इसके अलावा थाईलैंड के 'बात' (करीब 17.67 लाख रुपये), अमेरिकी डॉलर (करीब 9.33 लाख रुपये) और वियतनामी 'डोंग' (करीब 8.46 लाख रुपये) प्रमुख रूप से जमा किए गए हैं। श्रीलंकाई रुपया, जापानी येन और कोरियाई मुद्रा सहित कई अन्य छोटी-छोटी विदेशी मुद्राएं भी बैंक को सौंपी गई हैं।
डीएम-सह-बीटीएमसी अध्यक्ष शशांक शुभंकर ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के बावजूद शाखा स्तर पर कुछ व्यावहारिक अड़चनें थीं, जिसके कारण यह राशि उपयोग में नहीं आ पा रही थी। बीटीएमसी सचिव महाश्वेता महारथी के प्रयासों और गृह मंत्रालय को लिखे पत्र के बाद स्थिति स्पष्ट हुई। इस साल मंदिर को कुल 2.02 करोड़ रुपये का दान मिला है, जिसमें 1.29 करोड़ भारतीय मुद्रा और करीब 72.62 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा शामिल है।
दिसंबर माह के पहले पखवाड़े में दान पेटियां खोली गई थीं, जिनकी गिनती में नौ दिनों का समय लगा। अब दान की इस बड़ी राशि का उपयोग महाबोधि महाविहार के रखरखाव, सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटन सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाने के लिए किया जाएगा। प्रशासन के इस सफल समन्वय से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में बोधगया की व्यवस्थाओं को नया बल मिलेगा।
मनोज की रिपोर्ट