Bihar Teacher Transfer : शिक्षा विभाग के द्वारा पिछले 1 दिसंबर से शिक्षकों के तबादले के लिए आवेदन लिया जा रहा है। आवेदन करने की आखिरी तिथी 15 दिसंबर थी। यानी आज से आवेदन प्रक्रिया बंद हो गई है। जानकारी अनुसार बिहार के शिक्षकों के तबादले को लेकर सरकार के पास भारी संख्या में आवेदन आए हैं। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार शाम तक लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किया है। विभाग को उम्मीद थी कि एक लाख तक आवेदन आएंगे, लेकिन यह संख्या इससे कहीं अधिक हो गई है। पिछले बार की जारी आकंड़ों के अनुसार कुल 6025 शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन दिया था जिसमें से 50 हजार 293 शिक्षकों को एक ही आधार पर ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था।
सबसे अधिक आवेदन का कारण घर से दूर पदस्थापना
शिक्षकों ने तबादले के लिए कई कारण बताए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है अपने घर से दूर पदस्थापन। लगभग 85 प्रतिशत शिक्षकों ने लंबी दूरी को तबादले का मुख्य कारण बताया है। इसके अलावा, पति-पत्नी का एक साथ पदस्थापन भी एक बड़ा कारण रहा है। तबादले के लिए कितने आवेदन आए हैं इसका खुलासा शिक्षा विभाग आज यानी सोमवार को कर सकता है। विभाग के पास भारी संख्या में तबादले के लिए आवेदन आए हैं। जिससे ताबदला प्रकिया चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
विभाग के समक्ष बड़ी चुनौती
दरअसल, इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों का निपटारा करना शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। विभाग को अब आवेदनों की जांच करनी होगी और शिक्षकों को नए स्कूल आवंटित करने होंगे। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह तक सभी तबादले करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या हैं चुनौतियां?
इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों का निपटारा करना एक जटिल कार्य है। शिक्षकों ने विभिन्न मानदंडों के आधार पर आवेदन किए हैं, जिससे आवंटन प्रक्रिया और जटिल हो गई है। लंबी दूरी के लिए आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन न्यूनतम दूरी को लेकर कोई स्पष्ट मानक तय नहीं किया गया है। वहीं शिक्षा विभाग अब आवेदनों का विस्तृत विश्लेषण करेगा और शिक्षकों को नए स्कूल आवंटित करेगा। इस दौरान विभाग यह भी ध्यान रखेगा कि शिक्षकों की सुविधा का भी ख्याल रखा जाए।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया
शिक्षक इस फैसले से काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस कदम से उन्हें अपने घरों के करीब काम करने का मौका मिलेगा। हालांकि, कुछ शिक्षक इस बात को लेकर चिंतित भी हैं कि कहीं तबादले के दौरान उनकी पदोन्नति या अन्य लाभों पर कोई असर न पड़े।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षकों के तबादले से शिक्षा की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अगर शिक्षक अपने घरों के करीब होंगे तो वे अधिक मेहनत से काम करेंगे और छात्रों को बेहतर शिक्षा दे पाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि तबादलों को पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह का विवाद न हो।
10 दिसंबर कर मिले थे 60,205
वरीयता क्रम के आधार पर शिक्षक स्थानांतरण अनुरोध करने वालों में असाध्य रोग (विभिन्न प्रकार के कैंसर) के 271, गंभीर बीमारी के 790, विशेष रूप से सक्षम के आधार पर स्व-नियुक्त के 2,454 ऑटिज्म/मानसिक रूप से सक्षम के 481, विधवा और तलाकशुदा शिक्षक के 416, पति/पत्नी की पोस्टिंग के आधार पर 5,500 और वांछित स्थान से वर्तमान पोस्टिंग की दूरी के आधार पर आवेदन करने वाले 50,293 हैं। इस प्रकार कुल 60 हजार 205 आवेदन ट्रांसफर के लिए आए थे।