Cold wave in Bihar: बिहार में बढ़ती ठंड ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण स्कूलों में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। राज्य के विभिन्न जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि स्कूलों में छात्र और शिक्षक ठंड लगने के कारण बेहोश हो रहे हैं। प्रदेश के शेखपुरा, नालंदा, सारण और भभुआ जैसे जिलों में स्कूलों में आयोजित दौड़ और मशाल प्रतियोगिताओं के दौरान कई छात्राएं बेहोश हो गईं। इन घटनाओं के बाद सभी प्रभावितों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शेखपुरा और नालंदा में 16 छात्राएं बेहोश
दरअसल, शनिवार को ठंड का कहर शेखपुरा और नालंदा जिलों में देखने को मिला। शेखपुरा के बरबीघा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय कुटौत में ठंड के कारण 16 छात्राएं और एक शिक्षिका बेहोश हो गईं। सभी को तत्काल बरबीघा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं नालंदा के एकंगरसराय के उच्च माध्यमिक विद्यालय जमुआवा में मशाल प्रतियोगिता के दौरान चार छात्राएं बेहोश हो गईं। उनका इलाज एकंगरसराय अस्पताल में चल रहा है।
सारण में 12 छात्राएं बेहोश
छपरा के मांझी प्रखंड क्षेत्र के कलान उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मशाल प्रतियोगिता के दौरान 12 छात्राएं शीतलहर की चपेट में आकर बेहोश हो गईं। स्कूल प्रशासन ने तुरंत डॉक्टरों को बुलाया। उपचार के बाद 11 छात्राओं को घर भेज दिया गया, जबकि आठवीं कक्षा की एक छात्रा बबली कुमारी का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एकमा में चल रहा है।
भभुआ में 5 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी
भभुआ के मोकरी उर्दू मध्य विद्यालय में खेल प्रतियोगिता के दौरान पांच छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। छठी कक्षा की छात्राएं संध्या कुमारी, ब्यूटी कुमारी, खुशी कुमारी, मनीषा कुमारी और अंजना कुमारी दौड़ इवेंट में भाग ले रही थीं, जब उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। स्कूल प्रधानाध्यापक ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर छात्राओं को सदर अस्पताल भेजा। फिलहाल सभी का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है।
सावधानी बरतने की जरूरत
ठंड के कारण बच्चों और शिक्षकों पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए प्रशासन और स्कूलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में आउटडोर गतिविधियों से बचना और उचित गर्म कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है। डॉक्टरों ने भी ठंड के प्रति सावधान रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कड़ाके की ठंड में शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे छात्रों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। विशेषकर खुले में आयोजित होने वाली गतिविधियों में छात्रों को अधिक ठंड लगने का खतरा रहता है।