Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वे के दौरान लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भूमि संबंधी विवादों का निपटारा समय पर करें और आम लोगों को परेशान न होने दें। डॉ. जायसवाल ने कहा कि बिना उचित कारण के और लंबे समय तक वादों को लटकाए रखने की प्रवृति से विभाग की छवि धूमिल हो रही है और कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यह अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति का परिचायक भी है। अगर आपके सामने कोई जटिल समस्या है, स्वत्व का कोई गंभीर मामला है जिसपर आपको निर्णय लेना है तो आप अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लें।
क्या हैं मुख्य बिंदु?
दरअसल, भूमि सर्वे के दौरान घूसखोरी और कागजात निकालने में हो रही देरी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। मंत्री ने अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे बिना उचित कारण के काम को लटकाए नहीं रखें। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करें और कर्मचारियों के काम पर नजर रखें। विवादों के निपटारे के लिए राजस्व विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया जाएगा।
क्यों उठाए गए ये कदम?
भूमि संबंधी विवादों का समय पर निपटारा न होने से विभाग की छवि खराब हो रही थी। लोगों को कागजात निकालने के लिए कई चक्कर काटने पड़ रहे थे। भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। मंत्री ने बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह को कहा कि विभाग विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार करें। इस पैनल में राजस्व से संबंधित जानकार लोग हों जिनसे भूमि सुधार उप समाहर्ता सलाह ले सकें। इससे वादों का निष्पादन तेजी से होगा और लंबित मामलों में कमी आएगी।
क्या होगा फायदा?
सरकार के इस कदम से विवादों का निपटारा तेजी से होगा। भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। लोगों को कागजात निकालने में कम परेशानी होगी। दिलीप जायवाल ने सभी डीसीएलआर से कहा कि नियमित तौर पर अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करें और खासकर राजस्व कर्मचारियों के कार्यों पर बारीक नजर रखें। अंचल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी को भी डर होना चाहिए कि कोई है, जो उनपर बारीक नजर रख रहा है।